Demonstration : झाबुआ में मतांतरण के खिलाफ प्रदर्शन, कई धर्म रक्षक मैदान में उतरे
झाबुआ,30अप्रैल(इ खबरटुडे)। आदिवासी बहुल झाबुआ, आलीराजपुर और धार जिले में लगातार हो रहे मतांतरण के खिलाफ शनिवार को झाबुआ में बड़ा प्रदर्शन हुआ। जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले सकल हिंदू समाज के हजारों लोग जुटे। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग यह थी कि मतांतरण करने वालों को जनजातीय समाज से अलग करते हुए उन सारे लाभों से वंचित किया जाए, जो अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलते हैं।
उनका कहना था कि एक ओर तो वे ईसाई बन चुके हैं और दूसरी तरफ जनजाति वर्ग को मिलने वाले सभी फायदे लेकर वास्तविक जरूरतमंद को उनके लाभ से वंचित कर रहे हैं। एक मांग यह भी है कि मतांतरित लोगों को सूचीबद्ध किया जाए। मैदानी स्थिति के हिसाब से पूरा गांव मतांतरण कर चुका है, लेकिन शासकीय रिकार्ड में कहीं इसकी सूचना दर्ज नहीं है।
शनिवार को स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय खेल मैदान पर पहले सभा हुई, फिर नारे व तख्तियों के साथ मुख्य मार्गों से रैली निकाली गई। इसका समापन कृषि उपज मंडी परिसर में हुआ। भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर सहित कई भाजपा नेता दर्शक दीर्घा में बैठे, जबकि आंदोलन की अगुवाई क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया।
झारखंड के भाई मेघा उरांव, मध्यप्रदेश-छतीसगढ़ के संयोजक कालू सिंह मुजाल्दे, कला दीदी, राजेश डाबर, मुकेश मेडा सहित कई वक्ताओं ने डि-लिस्टिंग को लेकर लगातार लड़ाई लड़ने का एलान किया। पूरे आयोजन में यही स्वर गूंज रहे थे कि मतांतरण बंद हो, धर्म-संस्कृति की रक्षा हो, मतांतरण कर चुकी जनजातियों का आरक्षण समाप्त कर उन्हें अनुसूची से हटाया जाए।
चार दशक से चल रहे प्रयास
आलीराजपुर और धार जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में मतांतरण बढ़ता देख वर्षों पहले वनवासी कल्याण परिषद इसके खिलाफ उतरी। इसके बाद जनजाति बंधुओं को यह अहसास करवाया गया कि वे सनातन धर्म के अभिन्न अंग हैं। 2001 में सेवा भारती ने हिंदू संगम जैसा विराट आयोजन किया। विश्व हिंदू परिषद सतत प्रयासरत है। खुमसिंह महाराज पहले सामाजिक आंदोलन करते रहे। अब उनके पदचिह्नों पर कमल महाराज, पूर्व सैनिक प्रेम सिंह सहित कई धर्म रक्षक मैदान में उतर चुके हैं।