उज्जैन न्यायालय में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के सबसे पुराने मामलें में 32 साल बाद निर्णय
उज्जैन,22 मार्च (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के उज्जैन न्यायालय में सबसे पुराने प्रकरण में 32 साल बाद आए निर्णय में न्यायालय ने दो आरोपियों को दंडित किया है।
न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती तृप्ती पाण्डेय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. मोहनलाल पिता मंगलदास गुहा, उम्र 80 वर्ष तत्कालीन संचालक अवंतिका कर्मचारी गृह निमाण सहकारी संस्था मर्यादित, निवासी- पुराना ऑफिस सेठी नगर, उज्जैन 02. दीपचंद्र पिता सूरजमल उम्र-76 वर्ष तत्कालीन संचालक अवंतिका कर्मचारी गृह निमाण सहकारी संस्था मर्यादित निवासी- 17 सेठी नगर, उज्जैन को धारा 409 भादवि में 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 3000-3000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
अभियोजन घटना अनुसार सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाए (अंकेक्षण) जिला उज्जैन ने 04.03.1987 को सहायक पुलिस महानिरीक्षक,राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, इंदौर को शिकायत की कि अवंतिका कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति सेठी नगर का वर्ष 1981-1982 का ऑडिट आर.एस. शर्मा तत्कालिन अंकेक्षक द्वारा संपन्न किया गया है। राशि 4,24074 रूपये का गबन होना पाया गया।
उक्त शिकायत पर आरक्षी केन्द्र राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो म0प्र0 भोपाल के द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया किया गया । अनुसंधान के दौरान यह पाया कि अभियुक्तगण द्वारा कुल 4,24,074 का राशि का समिति के हित में उपयोग दर्शाकर स्वंय के हित में उपयोग कर गबन एवं अपराधिक न्यासभंग किया गया।
आवश्यक अनुसंधान पश्चात 1989 में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।न्यायालय ने 56 पेज में अपना निर्णय दिया है। विचारण न्यायालय के समक्ष अभियोजन का संचालन एडीपीओ मुकेश कुमार कुन्हारे एवं अमित छारी के द्वारा किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी एवं अंतिम तर्के सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी उमेश सिंह तोमर, एवं कुलदीप सिंह भदौरिया, जिला उज्जैन द्वारा किया गया था।