October 7, 2024

जनसुनवाई में वन विभाग अधिकारियो की शिकायत, रेंजर एवं डिप्टी रेंजर ने पेंटरी कार्य का नहीं किया भुगतान

रतलाम,05 सितंबर(इ खबर टुडे)। जिला स्तरीय सुनवाई मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। अपर कलेक्टर आर.एस. मण्डलोई ने जनसुनवाई करते हुए आवेदन संबंधित विभागों को निराकरण के लिए प्रेषित किए हैं। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर राधा महंत, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने जनसुनवाई की। इस दौरान 42 आवेदनों के निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए।

जनसुनवाई में रतलाम निवासी ललित कुमार सोलंकी ने आवेदन देते हुए बताया कि प्रार्थी द्वारा वन विभाग अन्तर्गत पर्यावरण पार्क एवं नगर वन पार्क में पेंटरी का कार्य 10 दिनों तक किया गया, जिसका भुगतान 7 हजार रुपए रेंजर एवं डिप्टी रेंजर द्वारा नहीं किया जा रहा है। प्रार्थी की आर्थिक स्थिति दयनीय है। कृपया किए गए कार्य का भुगतान दिलवाया जाए। आवेदन निराकरण के लिए जिला वन विभाग भेजा गया है।

अर्जुन नगर निवासी राजूबाई प्रजापत ने आवेदन में कहा कि प्रार्थिया विधवा महिला होकर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। प्रार्थिया जिस मकान में निवास कर रही है उसका पट्टा प्रदान किया जाए। पट्टा नहीं मिलने से शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आवेदन एसडीएम शहर को निराकरण के लिए भेजा गया है। हरमाला रोड निवासी मुन्ना खाँ ने जनसुनवाई में कहा कि प्रार्थी का एक प्लाट शिवाजी नगर में स्थित है। प्लाट के पिछले हिस्से पर प्लाट मालिक द्वारा तकरीबन 15 फीट तक अनाधिकृत रुप से कब्जा कर लिया गया है। इस सम्बन्ध में बात करने पर उसके द्वारा अभद्रता करते हुए गाली-गलौच की जाती है। कृपया उचित कार्यवाही की जाए।

ग्राम खिमापाडा निवासी भेरु खदेडा ने जनसुनवाई के दौरान बतायचा कि प्रार्थी ग्राम में ही शासकीय भूमि पर कृषि कार्य करता आ रहा है। कृषि कार्य के माध्यम से ही प्रार्थी के परिवार का भरण पोषण हो रहा है। अतः उक्त भूमि का पट्टा प्रदान किया जाए। ग्राम नान्दलेटा निवासी अमरचंद बागरी ने आवेदन में बताया कि प्रार्थी दिव्यांग है तथा आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। प्रार्थी के पास न तो आवास है और ना ही कोई भूमि। अतः प्रार्थी को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया जाए। आवेदन निराकरण के लिए सीईओ पिपलौदा को प्रेषित किया गया है।

धीरज शाह नगर निवासी शमीम बानों ने जनसुनवाई में कहा कि प्रार्थिया दिव्यांग होकर कार्य करने में असमर्थ है तथा पति बीमारी के कारण कार्य नहीं कर पाते हैं। कोई संतान नहीं होने से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। अतः गरीबी रेखा का कूपन बनाया जाए जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके।

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