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इन फार्मूले को अपनाकर फिक्स्ड डिपॉजिट पर लगने वाले टैक्स में मिलती है भारी छूट,जाने पूरी डिटेल

Fixed deposit tax- फिक्स्ड डिपॉज़िट निवेश करने का बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता है जिसमें निवेशकों द्वारा निवेश किया गया पैसा सुरक्षित होता है इसमें पैसा डूबने की किसी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं होती ,5 लाख तक के निवेश पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गारंटी होती है यदि बैंक को वित्तीय स्थिति कमजोर हो जाए तो 5 लाख तक की जमा पूंजी की गारंटी का काम आरबीआई की होती है इसके अलावा फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज के रूप में अच्छा रिटर्न मिलता है इस समय सभी बैंक इस समय फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी तक ब्याज दे रहे है। ऐसे में आपको यह जानना बहुत अनिवार्य है कि फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स से कैसे बचा जा सकता है फिक्स्ड डिपोजिट पर आम नागरिकों को 40 हजार रुपए ब्याज के रूप में मिलने पर टैक्स लगता है और इसके अलावा 60 साल की उम्र से ज्यादा वाले व्यक्ति को 50 हजार से ज्यादा ब्याज मिलता है तो आपको टीडीएस देना पड़ेगा। यदि आप इससे से बचना चाहते है तो आज हम आपको बताने जा रहे है फॉर्म 15 जी और फॉर्म 15 h के बारे में जिसको आप बैंक में जमा करवाकर ब्याज पर लगने वाले टीडीएस से बच सकते है।

FD पर टीडीएस कितना कटता है?

इनकम टैक्स रूल्स के अनुसार सालाना 40 हजार से अधिक फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज के रूप में कमाई होती है तो आपका टीडीएस काटा जाता है इसके अलावा 60 साल से अधिक की आयु के सीनियर सिटीजन के 50 हजार से अधिक रुपए ब्याज के रूप मिलते है तो आपका टीडीएस काटा जाता है किसी व्यक्ति की इनकम फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज को मिलाकर टैक्स स्लैब के दायरे से कम है तो फॉर्म 15 जी और फॉर्म 15 h भरकर फिक्स्ड डिपॉजिट पर लगने वाले टीडीएस से बच सकते है जब भी आप किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में निवेश करते है तो आपको बैंक में फॉर्म 15 जी और फॉर्म 15 H भरकर देना चाहिए यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट करवाते समय फर्म 15 जी और फॉर्म 15 H जमा नहीं करवाते है तो आपका फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस काटा जाएगा
यदि आपका टीडीएस बैंक द्वारा लिया गया है तो आप इनकम टैक्स फाइल भरते समय फॉर्म 15 जी और 15 h जमा करवाकर टीडीएस रिटर्न लिया जा सकता है।

फॉर्म 15 जी क्या

फॉर्म 15 जी भरकर आप फिक्स्ड डिपॉजिट पर लगने वाले टीडीएस से बच सकते है आपको फॉर्म 15 जी भरकर बैंक को डिक्लेरेशन देना होता है मेरी इनकम tax के दायरे में नहीं आती।फॉर्म 15 जी सामान्य नागरिकों के लिए है जिसमे फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40 हजार से अधिक ब्याज मिलने पर टीडीएस से बचा जा सकता है।
फॉर्म 15G इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अंडर सेक्शन 197A के अंडर सब सेक्शन 1और 1(A) के अंतर्गत आता है जिसमे बैंक को आपकी सलाना आय के बारे में जानकारी दी जाती है कि आपकी सलाना आय टैक्स के दायरे में नहीं आती और बैंक आपके फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस नहीं लगाता।

फॉर्म 15 H क्या है?

फॉर्म 15 H सीनियर सिटीजन के लिए है जिसमे 60 साल से अधिक आयु के व्यक्ति को वित्तीय वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले 50 हजार से अधिक ब्याज पर टीडीएस से बचा जा सकता है इसके लिए निवेशक को बैंक के अंदर 15H जमा करवाना होगा जिससे बैंक को पता चल सके कि आपकी सलाना आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती।
फॉर्म 15 h सीनियर सिटीजन के लिए डिक्लेरेशन फॉर्म है जिसको फिक्स्ड डिपॉजिट करवाते समय बैंक में जमा करवाना पड़ता है।

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