November 24, 2024

BSF के बाद अब CRPF जवान का भी वीडियो, PM नरेंद्र मोदी को बताया जवानों का दर्द

नई दिल्ली,12 जनवरी(इ खबरटुडे)। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर के सोशल मीडिया में वीडियो का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि एक और सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह का वीडियो सामने आ गया है. इसमें जवान ने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को भी वे सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो सेना के जवानों को मिलती हैं. इनका दर्द है जब इनके भी जवान सरहद पर गोली खाते है देश के भीतर आंतकवादियों और माओवादियों से लड़ते हैं तो फिर सुविधाओं के मामले में उनके साथ भेदभाव क्यों किया जाता है.

कहा जा रहा है कि यह वीडियो 16 अक्टूबर 2016 का है. 2004 के बाद से पैरा मिलिट्री फोर्सेज के जवानों को पेंशन नहीं दी जाती और न ही आतंकवादी कार्रवाई में मरने के बाद शहीद का दर्जा दिया जाता है.

हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जाता है
देश के पीएम मोदी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं. हम लोग सीआरपीएफ वाले इस देश में कौन-सी ड्यूटी है, जो नहीं करते. लोकसभा चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक और मंदिर से लेकर मस्जिद तक ड्यूटी करते हैं. भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं में इतना अंतर है कि आप सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे. हमारे दुख को समझने वाला कोई नहीं है. सेना को पेंशन मिलती है, हमारी पेंशन भी बंद है. 20 साल बाद नौकरी छोड़कर जाएंगे तो क्या करेंगे. एक्स सर्विस मैन का कोटा, कैंटीन और मेडिकल की सुविधा भी नहीं है. सेना को मिल रही सुविधाओं से हमें ऐतराज नहीं है, उन्हें मिलनी चाहिए. लेकिन हमारे साथ भेदभाव क्यों हो रहा.

बीएसएफ जवान ने लिखी गृहमंत्रालय को चिट्ठी
BSF जवान तेजबहादुर यादव के शिकायती वीडियो का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक और BSF जवान की चिट्ठी सामने आई है, जिसने नए सिरे से कई सवाल खड़े कर दिए हैं. नौ पन्नों की यह गोपनीय चिट्ठी केंद्रीय गृहमंत्री को संबोधित कर लिखी गई है, और इस खत में जवान ने खाने से लेकर, कपड़े, रहने की सुविधा, और ड्यूटी के घंटों पर सवाल उठाए हैं.

बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने उठाया था खाने को लेकर सवाल
इससे पूर्व बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने सीमा पर जवानों को मिल रहे खाने पर सवाल उठाया था. इस मामले को लेकर जांच चल रही है. वहीं केंद्र ने सीमा से लगी पोस्टों पर डाइटिशियन भेजने का फैसला किया है.

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