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ज़्यादा शराब पीना एक लत नहीं, बल्कि एक बीमारी है

“अल्कोहलिक्स एनोनिमस”

हम सभी ने अपने आस पास ज्यादा या लगतार शराब पीने वाले लोगो को देखा है और हम सभी ने ये माना है कि ये एक लत का शिकार है। लेकिन विज्ञान ये कहता है कि ये एक प्रकार की बीमारी है। 1964 में डब्ल्यू.एच.ओ. ने भी इसे स्वीकार किया है। ये बिमारी सभी शराब पीने वालो लोगो को नहीं होती है। केवल 10 से 12 प्रतिषत लोग ही इस बिमारी से पीड़ित होते हैं। बिमारी से पीड़ित व्यक्ति चाह कर भी शराब से दूर नहीं रह पाता है।

ऐसे ही बीमार व्यक्ति की मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक संस्था है जिसे “अल्कोहलिक्स एनोनिमस” के नाम से जाना जाता है, काम करती है। संस्था की स्थापना 1935 में हुई थी। आज विश्व के लगभग 184 देशो में ये संस्था फेली हुई है। भारत में इसकी शुरुआत 1957 में हुई थी। इस संस्था की सदस्यता के लिए केवल शराब छोड़ने की इच्छा होना ही आवश्यक है। सदस्यता के लिए कोई धन या शुल्क नहीं लिया जाता है। इस संस्था के सदस्य मध्य प्रदेश के सभी शहरो (नीमच, मंदसौर, रतलाम) में हैं। भारत में इसके लगभाग 45000 सदस्य है जो शराब से दूर है।

इस संस्था के सदस्य ऑनलाइन या ऑफलाइन मीटिंग के माध्यम से, आपस में संपर्क करके, बात करके अपनी शराब की समस्या से दूर रहने का प्रयास करते हैं। मध्य प्रदेश के सभी शहरों में इसके लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। नीमच का हेल्पलाइन न. 9893305776 है।

ज़्यादा शराब पीना एक लत नहीं, बल्कि एक बीमारी है
हम सभी ने अपने आस पास ज्यादा या लगतार शराब पीने वाले लोगो को देखा है और हम सभी ने ये माना है कि ये एक लत का शिकार है। लेकिन विज्ञान ये कहता है कि ये एक प्रकार की बीमारी है। 1964 में डब्ल्यू.एच.ओ. ने भी इसे स्वीकार किया है। ये बिमारी सभी शराब पीने वालो लोगो को नहीं होती है। केवल 10 से 12 प्रतिशत लोग ही इस बिमारी से पीड़ित होते हैं। बिमारी से पीड़ित व्यक्ति चाह कर भी शराब से दूर नहीं रह पाता है।

ऐसे ही बीमार व्यक्ति की मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की एक संस्था है जिसे “अल्कोहलिक्स एनोनिमस” के नाम से जाना जाता है, काम करती है। संस्था की स्थापना 1935 में हुई थी। आज विश्व के लगभग 184 देशो में ये संस्था फेली हुई है। भारत में इसकी शुरुआत 1957 में हुई थी। इस संस्था की सदस्यता के लिए केवल शराब छोड़ने की इच्छा होना ही आवश्यक है। सदस्यता के लिए कोई धन या शुल्क नहीं लिया जाता है। इस संस्था के सदस्य मध्य प्रदेश के सभी शहरो (नीमच, मंदसौर, रतलाम) में हैं। भारत में इसके लगभाग 45000 सदस्य है जो शराब से दूर है।

इस संस्था के सदस्य ऑनलाइन या ऑफलाइन मीटिंग के माध्यम से, आपस में संपर्क करके, बात करके अपनी शराब की समस्या से दूर रहने का प्रयास करते हैं। मध्य प्रदेश के सभी शहरों में इसके लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। रतलाम हेल्पलाइन न. 8358952222 और नीमच का हेल्पलाइन न. 9893305776 है।

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