November 16, 2024

Olympics Boycott:चीन को दिया बड़ा झटका,यूरोपीय संसद ने 2022 बीजिंग ओलंपिक के बहिष्कार का ऐलान

ब्रसेल्स,10जुलाई(इ खबर टुडे)। यूरोपीय संसद ने चीन को बड़ा झटका देते हुए 2022 में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार का ऐलान किया है। यूरोपीय संसद के सांसदों ने सहमति जताते हुए कहा कि हमें चीन के मानवाधिकारों के हनन के कारण बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले निमंत्रण को अस्वीकार करना चाहिए।

इन सांसदों ने अपनी सरकारों से मांग करते हुए कहा कि उन्हें उइगुर मुसलमानों को लेकर चीन के व्यवहार पर और अधिक प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके अलावा यूरोपीय देशों को हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों का समर्थन करना चाहिए।

चीन के खिलाफ कौन-कौन से प्रस्ताव पारित?
यूरोपीय संसद ने जिन प्रस्तावों को पारित किया उनमें हॉन्ग कॉन्ग के सरकारी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है। इसके अलावा चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि को तत्काल प्रभाव से खत्म करने और बीजिंग ओलंपिक के डिप्लोमेटिक बॉयकॉट का आह्वान भी किया। यूरोपीय संसद के चीन प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष जर्मनी के रेइनहार्ड बुटिकोफर ने इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि यूरोपीय संसद में इन मुद्दों पर आम सहमति बहुत मजबूत है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे कि यूरोप में सदस्य राज्य सरकारें भी एक अडिग रुख अपनाएं।

प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य नहीं यूरोपीय देश
हालांकि, यूरोपीय संसद के इस प्रस्ताव को मानने के लिए सदस्य देश बाध्य नहीं है। खुद इस प्रस्ताव को पेश करने वाली रेइनहार्ड बुटिकोफर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कई यूरोपीय संघ के सदस्य देश और यूरोपीय आयोग भी हॉन्ग कॉन्ग में चीन के दमनकारी उपायों के खिलाफ बोलने के लिए अनिच्छुक हैं। यूरोपीय संघ में चीन की बढ़ती आलोचना के बाद भी यूरोप की कई सरकारें सीधे टकराव से हिचकिचाती रही हैं।

चीन ने जताया कड़ा विरोध
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस प्रस्ताव पर कहा कि चीन खेल के राजनीतिकरण और मानवाधिकारों के मुद्दों को बहाने के रूप में इस्तेमाल करके हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रेरणा से बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों की तैयारी और आयोजन को बाधित करने और तोड़फोड़ करने का प्रयास बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। चीन ने कहा कि इससे सिर्फ सभी देशों के एथलीटों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक केहितों को नुकसान पहुंचेगा।

चीन के लिए बड़ा झटका क्यों?
यूरोपीय संसद के इस प्रस्ताव को चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले कुछ साल से चीन यूरोपीय देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा हुआ है। चीन की योजना यूरोप में अमेरिका की खाली की हुई जगह को भरना है। डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका का यूरोपीय देशों के साथ कई मुद्दों पर विवाद हुआ था। चीन को इसमें अवसर दिखाई दिया और वह बिना देर किए यूरोपीय देशों के बीच पैठ जमाने में जुट गया। चीन ने यूरोप में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए चीन सीईईसी कॉर्पोरेशन की शुरुआत भी की है। जिसकी मदद से वह यूरोप के कई देशों को भारी भरकम कर्ज भी दे रहा है।

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