Complaint : भू माफिया राजेन्द्र पितलिया के खिलाफ एक और शिकायत,राजसम्पत्ति लोकेन्द्र भवन पर अवैध तरीके से कब्जा करने का आरोप
रतलाम,03 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। रतलाम राजवशं की बेशकीमती धरोहर लोकेन्द्र भवन को अवैध तरीके से कब्जे में लेने और वहां व्यावसायिक काम्प्लेक्स बनाने का मामला फिर चर्चाओं में है। पूर्व पार्षद एवं जिला योजना समिति के पूर्व सदस्य राजीव रावत ने संभागायुक्त और कलेक्टर को भू माफिया राजेन्द्र पितलिया के खिलाफ शिकायत कर बताया है कि लोकेन्द्र भवन में शासकीय भूमि पर कब्जा कर उसे अवैध रुप से बेच दिया गया है।
अपनी शिकायत में राजीव रावत ने कहा है कि भू माफिया राजेन्द्र पितलिया ने सांठगाठ करके लोकेन्द्र भवन की 80 हजार वर्गफीट जमीन का अवैध तरीके से क्रय वित्रय किया है। पूर्व में भी राजेन्द्र पितलिया ने बैैंक कालोनी के स्वीकृत बगीचे की 29 हजार वर्गफीट भूमि और कामन रास्ते को अपना बताकर उस पर कब्जा कर लिया था। इस मामले में प्रशासन ने पूर्व में पितलिया के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी,लेकिन तत्कालीन अधिकारियों से सांठगाठ करके उस मामले को भी रफा दफा करवा दिया था।
अपनी शिकायत में श्री रावत ने कहा है कि एक सक्षम न्यायालय में रतलाम महाराज के छोटे बाई स्व.रणवीरसिंह ने शपथपत्र देकर कहा था कि उनका राज परिवार की सम्पत्ति से कोई लेना देना नहीं रहेगा और ना ही वे इस सम्पत्ति के लिए किसी न्यायालय में वाद लगाएंगे। यह शपथ पत्र इन्दौर के बीसवें अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय के दी.प्रकरण क्र.10ए-2003 में 17-08-2005 को दिया गया था। इसके बाद भी प्रशासन और न्यायालय को उपरोक्त प्रकरण में संबधित आदेश का उल्लेख ना कर उच्च न्यायालय से एक आदेश पारित करवाया गया,जिसमेंन्यायालय ने कहा कि रणवीरसिंह लोकेन्द्र भवन की रजिस्ट्री करवा सकेंगे परन्तु इसमे तृतीय पक्ष के आने पर रजिस्ट्री शून्य मानी जाएगी।
श्री रावत ने अपनी शिकायत में कहा है कि बैैंक कालोनी का प्रथम स्वीकृत नक्शा मंगवाया जाए.उससे सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इस भूमि में 29 हजार वर्गफीट बगीचे की भूमि को अवैध रुप से बेच दिया गया है। और कामन रोड को भी लोकेन्द्र भवन में शामिल कर उसकी भी रजिस्ट्री करवा ली गई है। श्री रावत ने संभागायुक्त से मांग की है कि इस पूरे मामले को धारा 50 के अन्तर्गत ओपन कर गहराई से जांच की जाए,जिससे कि सारा भ्रष्टाचार सामने आ सके।
उल्लेखनीय है कि लोकेन्द्र भवन में राजेन्द्र पितलिया की कंपनी सुवि इन्फो कन्सल्टेन्ट को दी गई निर्माण अनुमति को प्रशासन द्वारा पूर्व में निरस्त करवा दिया गया है और साथ ही टीएण्डसीपी द्वारा दी गई अनुमति भी निरस्त की जा चुकी है। राजेन्द्र पितलिया ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली थी,लेकिन वहां से मामला फिर से नगर निगम के पास भेज दिया गया है।