शिकायतों के कारण अटकी मंदसौर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा !
मंदसौर,18 अप्रैल(इ खबर टुडे/ चंद्र मोहन भगत )। कांग्रेस संगठन की कार्यप्रणाली के कारण ऐसी ही उम्मीद थी कि ब्लाक अध्यक्ष नामों की घोषणा में लम्बी देरी होगी । कांग्रेस का इतिहास भी गवाह है जब दूसरे राजनीतिक दल प्रत्याशियों के चयन के लिए संगठन स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर चुके होते हैं वही कांग्रेसमें संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए बरसात की तरह लंबी खेंच होती जा रही है । कांग्रेस में पदाधिकारियों की घोषणा में विलंब को इतिहास इसलिए कहा जाता है कि हर बार ही प्रत्येक पदों के लिए घोषणा में लगातार विलंब को लंबा होते देखा गया है ।
हाल ही में जिला अध्यक्ष विपिन जैन के नाम की घोषणा ने भी बड़ी लंबी खेंच को झेला था । अब ब्लॉक अध्यक्षों की बारी है मामला का कांग्रेस संगठन का अंदरूनी है पर आम चर्चा का विषय और खबर इसलिए बन रहा है कि 8 महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। प्रदेश के सारे राजनीतिक दलों के साथ मतदाताओं को भी मालूम है चुनाव के पहले से सभी राजनीतिक दलों के संगठन अपनी पूरी तैयारी पहले से ही कर लेते हैं । सिर्फ कांग्रेस संगठन ही इस मामले में अपनी पुश्तैनी शिथिल कार्यप्रणाली के कारण जिले के तहत ब्लाकों केअध्यक्ष के नामों की घोषणा नहीं कर पा रहा है । जिला अध्यक्ष विपिन जैन ने बताया कि जल्द ही घोषणा हो जाएगी यह नवागत जिलाध्यक्ष का कथन है जबकि इनकी खुद की नियुक्ति में कितनी लंबी खेंच हुई है सभी को मालूम है। जबकि जिलाध्यक्ष एकल पद है और ब्लॉक के 13 ऐसे में स्वतः अंदाज लगाया जा सकता है कि एक पद के बाद 13 पदों के नाम की घोषणा आसानी से समय पर हो जाने की कांग्रेस में कोई भी कल्पना नहीं कर सकता है ।
ईसके साथ ही जिला अध्यक्ष की तरह ब्लॉक अध्यक्षों के लिए भी आपसी प्रतिस्पर्धा वैसी ही चल पड़ी है। ब्लॉक में भी एक-दूसरे को निपटाने के लिए एक दूसरे की निजी गलतियों के साथ चरित्र हनन करने जैसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं । प्रतिस्पर्धी समूह बनाकर जिले के पूर्व प्रभावशाली मंत्रियों जिला तथा संभागीय प्रभारियों के साथ प्रदेश कार्यालय तक एक दूसरे को कमतर बताने वाली शिकायतों को पेश कर रहे हैं करवा भी रहे हैं । यह काम इतने स्तरहीन हथकंडों के साथ किया जा रहा है कि अगर इन्हीं समूहों में से कोई एक ब्लॉक अध्यक्ष बनेगा तो साथ रहकर संगठन का काम कैसे कर पाएंगे ?
यह अलग बात है कि अपने ही कार्यकर्ताओं को स्तरहीन स्पर्धा तक जाने को कांग्रेस संगठन ही पारोक्ष संरक्षण देता आया है क्योंकि इस पद के लिए कोई संगठन स्तर पर पैमाना ही तय नहीं है इसलिए सभी शक्ति प्रदर्शन में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं । जाहिर है जो भी ब्लाक अध्यक्ष बनेगा उसे आपसी वैमनस्य के दौर से गुजरना ही पड़ेगा तब समन्वय स्थापित करना कठिन होगा और समय भी लगेगा जो पहले ही घट कर कम होता जा रहा है ।