परिचित ने की अपहरण और दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या, दिनभर छिपाए रखा शव, घर वालों के साथ खोजता रहा
सागर 29 अप्रैल(इ खबर टुडे)। जैसीनगर थाना क्षेत्र के चादौनी में चार साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस द्वारा संदिग्धों के लिए गए डीएनए रिपोर्ट आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया।
दरअसल 8-9 अप्रैल की दरम्यानी रात चादौनी गांव में खेत में बने मकान में अपने माता-पिता के साथ सो रही चार साल की मासूम का अपहरण हो गया था। दूसरे दिन दिनभर तलाश करने के बाद तीसरे दिन 10 अप्रैल की सुबह घर से करीब आधा किलोमीटर दूर खेत की मेड़ पर लड़की का शव मिला।
पीएम रिपोर्ट में बच्ची से दुष्कर्म की बात सामने आने के बाद पुलिस ने 66A,376 (A-B), 302, पाक्सो एक्ट का मामला कायम कर जांच शुरू की। जहां से बच्ची का अपहरण हुआ, उस घर में पला पालतू कुत्ते के न भौंकने पर पुलिस को वारदात में आसपास या परिचित व्यक्ति पर संदेह हुआ, जिसके बाद पुलिस ने घर वालों सहित परिवार व आसपास रहने वाले सात लोगों के डीएनए सैम्पल लिए।
सैम्पल को जांच के लिए एफएसएल भेजा गया। लड़की के परिवार के परिचित चादौनी निवासी 30 वर्षीय नीलेश पिता कलु उर्फ कल्याण प्रजापति का डीएनए लड़की के शव से मिले डीएनए से मिल गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
रात में शव फेंका, सुबह गांव वालों को दिखाया
जानकारी के अनुसार 8-9 अप्रैल की रात उसने शराब के नशे में माता-पिता के बीच सो रही चार साल की मासूम को घर से उठाया और करीब आधा किमी दूर खेतों से होते हुए अपने खेत के पास ले गया, जहां उसने लड़की से दुष्कर्म किया। इसके बाद लड़की की मृत्यु हाे गई।
लड़की के शव को नीलेश ने बोरे में डालकर उसे अपने खेत के पास छिपा दिया। और दूसरे दिन घर वालों के साथ मिलकर खुद लड़की की तलाश करता रहा। अपने खेत के पास जाकर वहां बालिका के न होने की बात कही। इसके बाद नीलेश ने रात में अपने खेत में छिपे लड़की के शव को बोरे से बाहर निकाला और उसे अपने खेत से लगे दूसरे खेत की मेड़ पर फेंक दिया।
दूसरे दिन वह खुद नाटकीय ढंग से अपने ट्रैक्टर में गांव के दो चार लोगों को बैठाकर कचरे फेंकने के बहाने वहां गया और ट्रैक्टर में बैठे लोगों को खेत पर दिखाते हुए कहा कि देखो वहां कुछ पड़ा हुआ है। ऐसे कहते हुए वहां गया और लड़की के शव को लोगों को दिखाया। इसके बाद नीलेश ने खुद गांव में जाकर सभी को शव होने की बात कही। इसके बाद बच्ची के अंतिम संस्कार में शामिल होकर अपनी दिनचार्या सामान्य रखी, जिससे किसी को उस पर शक न हो।
डीएनए के नाम पर बिना भाग गया
जांच के बाद पुलिस को जब कोई सुराग हाथ नहीं लगा तो पुलिस ने बच्ची के आसपास रहने वालों के डीएनएन लेने की बात जब नीलेश को पता चली तो वह बिना भाग गया, जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश कर उसे पकड़ा और उसका डीएनए लिया। नीलेश बच्ची का रिश्तेदार ही है। साथ ही उसके खेत बच्ची के घर के आगे था, जिससे बच्ची के घर से होते हुए उसका आना जाना था, इसलिए बच्ची उसे जानती थी। रात को जब उसने बच्ची का अपहरण किया तो न बच्ची ने शोर मचाया और न ही वहां पले श्वान ने भौंका।
इस पूरे मामले की विवेचना और गिरफ्तारी करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर लोकेश सिन्हा, एसडीओपी देवरी शशिकांत सरयाम, थाना प्रभारी जैसीनगर शिवमंगल सिंह राठौर, उपनिरीक्षक उमेश यादव, आरक्षक प्रिंस जोशी, लखन यादव, प्रधान आरक्षक अखिलेश शुक्ला, काजी, सईदउदीन, जितेंद्र रजक का विशेष योगदान रहा। एसपी ने पुलिस टीम को 10 हजार रुपये से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।