AIPMT 2015 की परीक्षा निरस्त होने के कारण उठने वाले सवाल
त्वरित टिप्पणी-अनिल पेंडसे
माननीय सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय अनुसार अब AIPMT 2015 की परीक्षा रद्द होने के साथ ही परिक्षार्थियों के मन में कई सवाल उठ खडे हुए हैं। जैसे
संपूर्ण देश के नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण पेशे में क्या राष्ट्रीय स्तर पर केवल एक परीक्षा और वो भी OMR टाईप वाली, क्या परीक्षा का यह तरीका ठीक है? यह कैसे पता चलेगा कि असल में OMR किसने भरा है? क्या इसमें भी JEE main + Advance की तरह दो परीक्षा होना ज्यादा उचित नहीं होगा? साथ ही कक्षा 12वीं में 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वालों को ही एमबीबीएस में पात्रता हो।
परीक्षा की समाप्ति पर तत्काल परिक्षार्थियों के सामने ही OMR को SCAN & UPLOAD कर परिक्षार्थियों के Email पर उसे तुरंत प्रभाव से भेजने की व्यवस्था के अलावा सभी OMR को तत्काल Government की Second Website पर Mirror Image Upload किया जाना चाहिये। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाद में उसमें किसी प्रकार से छेडछाड या परिवर्तन संभव न हो। सभी परिक्षार्थियों के सभी OMR तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक हों जिसे कोई भी देख सके।
जिस प्रकार केन्द्रीय बजट बनाते समय सभी बजट बनाने वाले कर्मचारियों को एक बडे कार्यालय में बाकी दुनिया से पूर्णत: अलग कर दिया जाता है उसी तरह प्रश्नपत्र सेट करने वाले विद्धानों को परीक्षा की समाप्ति तक किसी से भी मिलने की अनुमति न दी जाये।
परीक्षा केंद्र पर केन्द्रीय सर्वर से सीधे प्रिंटआउट के माध्यम से प्रश्न पत्र निकाला जाए जिससे पेपर या आंसर—की लीक न हो सके। व परीक्षा के पहले किसी को भी यह न पता हो कि प्रश्न पत्र क्या है। एक ही शहर के सभी परीक्षा केन्द्रों पर अलग अलग रेंडम सेट का पेपर होने से उसकी कॉमन आंसर—की नहीं बन सकेगी।
इन सभी बातों के साथ ही वर्तमान में रद्द हो चुकी AIPMT 2015 की परीक्षा के रिझल्ट को तत्काल सार्वजनिक किया जाये। जिससे परिक्षार्थी विशेष को उसमें कितने नंबर मिले? वह कहॉं कमजोर था? उस रद्द हो चुकी परीक्षा का परिणाम उसे अनुभव के तौर पर काम आ सके। जिससे एक सामान्य परिक्षार्थी को यह पता चले कि उस मेरिट में कौन—कौन से छात्र आये थे? उस परीक्षा का कटआॅफ क्या था? किस राज्य से कितने परिक्षार्थियों ने इस रद्द परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी? जिससे भविष्य में होने वाली परीक्षा में मदद मिल सके।
जिन परिक्षार्थियों का अभी AIPMT 2015 में मेरिट बना है उनका दूसरी परीक्षा में क्या होगा? यह भी तुलनात्मक रूप से देखना संभव होगा। जिससे इसकी जॉंच में भी सार्वजनिक रूप से मदद मिलेगी।
भविष्य में होने वाली परिक्षाओं में किसी भी प्रकार की गडबडी कर लाखों विद्यार्थियों व उनके पालकों में हताशा का भाव उत्पन्न करने वाले दोषियों को ऐसी क्रूरतम सजा का प्रावधान होना चाहिये जिससे सामान्य जनमानस में न्याय के प्रति विश्वास और दोषियों में भयानक भय व्याप्त हो।