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शहर के पास कृषि भूमि भी हुई महंगी–10 प्रतिशत की और हो जाएगी वृद्धि

Agricultural land near the city has also become expensive — it will increase by another 10 percent.

Agricultural land:बदलाव की वजह से अब आबादी, प्लाटिंग के पास वाली कृषि भूमि भी मंहगी हो जाएगी। नगरीय, अर्द्धनगरीय अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कृषि भूमि की सीमा के 50 मीटर के दायरे में यदि कोई आबादी, आवासीय गतिविधि, प्लाटिंग या कालोनी विकसित की गई है या की जा रही है तो ऐसी कृषि भूमि की कीमतों में अब 50 की जगह 60 प्रतिशत यानी 10 प्रतिशत की और वृद्धि हो जाएगी। 50 मीटर से अधिक लेकिन 200 मीटर तक की त्रिज्या के तहत कृषि भूमि का मूल्यांकन निर्धारित दर से 40 प्रतिशत अधिक के अनुसार होगा। वर्तमान में यह 30 प्रतिशत है।


हाल के वर्षों में शहर की सीमा से सटे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्लाटिंग कर कालोनी विकसित की गई है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। ऐसे में इस बदलाव से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। इसी तरह शहर के विभिन्न क्षेत्र में तमाम ऐसे भूखंड हैं जो दुकान, बाजार, शापिंग कांप्लेक्स समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के आस-पास होते हुए भी उनपर सामान्य क्षेत्र के आवासीय भूखंड जितनी ही स्टांप ड्यूटी लगती है। अब ऐसे भूखंड की दर में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाने से स्टांप ड्यूटी भी ज्यादा जमा करनी पड़ेगी।

सुविधा अनुसार होंगे फ्लेट महंगे
इसी तरह अपार्टमेंट में जितनी अधिक सुविधाएं होंगी, अब उसके फ्लैट उतने की मंहगे होंगे। किसी भी अपार्टमेंट में यदि स्वीमिंग पूल या जकूजी, जिम या फिटनेस सेंटर, क्लब हाउस, बच्चों का खेल क्षेत्र अथवा पार्क होगा तो सभी सुविधाओं के लिए फ्लैट के दर में अलग-अलग पांच प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। यदि किसी अपार्टमेंट में उपरोक्त में से दो सुविधा होगी तो दस प्रतिशत और यदि चार सुविधा होगी तो कीमत में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।

घर के सामने पार्क तो भी देनी होगी अधिक कीमत
मकान या भूखंड के सामने यदि पार्क है तो अब दस की जगह 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसी तरह कॉर्नर का भूखंड यानी दो तरफ से रास्ता है तो भी 20 प्रतिशत शुल्क देना होगा जो अभी दस प्रतिशत है। यदि कॉर्नर का प्लाट है और पार्क की भी सुविधा है तो 30 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। इसी तरह 12 मीटर से अधिक चौड़े मार्ग के किनारे की भूमि पर निर्धारित दर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी गई है।

600 वर्ग फीट से बड़ा फ्लैट तो 20 प्रतिशत और खर्च करना होगा
फ्लैट का सुपर एरिया यदि 600 वर्ग फीट से अधिक और 1200 वर्ग फीट के मध्य है तो फ्लैट की दर में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसी तरह यदि सुपर एरिया 1200 से दो हजार वर्ग फीट के मध्य होगा तो 30 प्रतिशत और दो हजार से अधिक का होगा तो 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

गोरखपुर में जमीन के लिए स्टांप ड्यूटी भी ज्यादा जमा करनी पड़ेगी
जिले के भीतर अब वेयर हाउस और पाली हाउस आदि का निर्माण कराना मंहगा होगा। इनके लिए तीन दरें तय की गई हैं। यदि दीवार 12 फीट ऊंची है तो छह हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसी तरह 12 से 20 फीट ऊंची है तो 12 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर और 20 फीट से अधिक ऊंची है तो 20 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वृद्धि की गई है।

सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं
जिले में वर्ष 2016 के बाद से ही सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि बाजार दर कई गुणा अधिक बढ़ गया है। इस बार भी सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गई है लेकिन स्टांप नियमावली के सामान्य निर्देशों में बदलाव की वजह से कई क्षेत्रों की संपत्तियों की कीमतें बढ़ गई हैं। गोलघर स्थित जीडीए टावर में प्रथम तल पर एक, द्वितीय तल पर पांच दुकानें, तृतीय तल पर एक फूडकोर्ट व एक रेस्त्रां, तृतीय तल पर एक कार्यालय ब्लाक, चतुर्थ तल पर नौ कार्यालय ब्लॉक, पांचवे तल पर नौ ब्लाक, छठे तल पर 12 ब्लाक रिक्त पड़े हैं। इसी तरह नवीन ट्रांसपोर्टनगर में व्यवसायिक भूखंड 16 खाली हैं।

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