December 25, 2024

रतलाम / जिले में नशीले पदार्थों के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाईयों में और तेजी लाई जाएगी, जिला स्तरीय समिति की बैठक कलेक्टर श्री सूर्यवंशी की अध्यक्षता में संपन्न

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रतलाम, 07 नवंबर(इ ख़बर टुडे)। रतलाम जिले में नशीले पदार्थों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई में और तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा गांजा, भांग की अवैध खेती की भी तेजी से धरपकड़ होगी। जिले में नशीले पदार्थों की किसी भी चैन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। यह जानकारी कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक में दी गई। पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील पाटीदार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे, सीजीएसटी के सहायक आयुक्त एस.एन. दवे, उपसंचालक सामाजिक न्याय श्रीमती संध्या शर्मा, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय, उप संचालक कृषि विजय चौरसिया आदि उपस्थित थे।

बैठक में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने निर्देश दिए कि जिले में केमिस्ट की दुकानों पर नशीले पदार्थों की बिक्री पर कड़ी नजर रखी जाए। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर को सख्ती से निर्देशित किया गया कि बगैर किसी दबाव के कार्य किया जाए, किसी से मिलीभगत भी नहीं हो। दुकानों पर बिकने वाली नशीली दवाइयों, टेबलेट तथा एक्सपायरी सीमा पार कर चुकी दवाइयों की जब्ती की जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले में नशे के विरुद्ध जनजागरूकता अभियान में तेजी लाई जाएगी। हेल्पलाइन नंबर 14446 का सघन प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र की स्थापना पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा जिला मुख्यालय पर केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजने के निर्देश दिए गए। साथ ही मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को समन्वय करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी की प्रवृत्तियों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान, अवैध रूप से की जाने वाली अफीम, भांग आदि की खेती पर निगरानी रखना, क्रॉस स्टेट प्रकरणों की जांच की प्रगति की निगरानी करना, स्कूलों, कालेजो आदि में नशीली दवाओं के विरुद्ध जागरूकता को बढ़ावा देने, एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों और दवाओं के हानिकारक प्रभाव तथा मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने, जिले में मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम लागू करने, मादक पदार्थों का पता लगाने के लिए उपकरणों की आवश्यकताओं का आकलन तथा उनकी व्यवस्था के संबंध में भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए गए।

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