Acharya Shri Rishabchandra Surishwar / मोहनखेड़ा के महासंत पंचतत्व में विलीन, गुरूभक्तों की आंखों से बही अश्रुधारा
राजगढ़,04 जून (इ खबरटुडे)। श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के विकास प्रेरक एवं गच्छाधिपति आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वर जी महाराज का शुक्रवार सुबह तय समय पर कोरोना गाइडलाइन के तहत प्रशासन व गुरुभक्तों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान गुरु भक्तों की आंखों से अनवरत अश्रु धारा बह रही थी।गुरुदेव को 63वें जन्म दिन पर पंचतत्व में विलीन किया गया।चिता को मुखाग्नि की बोली सवा करोड़ में गई। एक गुरु भक्त ने इसमें अपना नाम गोपनीय रखा । यह बोली कुछ ही देर में समाप्त कर दी गई
इससे पूर्व गुरुवार रात में भी सैकड़ों श्रद्धालु बारीबारी से आचार्य श्री की पार्थिव देह दर्शन करने के लिए महातीर्थ पहुंचे थे। प्रदेश शासन की ओर से जिला प्रभारी मंत्री राज वर्धन सिंह दत्तीगांव व एवम् विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचाअन्तिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए और आचार्य श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सवेरे छः बजे से ही प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यवस्थाओं की बागडोर संभाल ली थी। एसडीएम कलेश एवम टी आई दिनेश शर्मा ने कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया।
ठीक समय पर पालकी को गुरु भक्तो ने उठाया ओर समाधि स्थल की ओर ले गए। ट्रस्ट सदस्यों एवम् गुरुदेव के परिवार जनों ने चिता को मुखाग्नि दी ओर गुरुदेव पंचतत्व में विलीन हो गए। इस अवसर पर गुरु देव का मुनि मंडल भी उपस्थित था जिन्होंने भरे मन से उनको बिदाई दी।