November 22, 2024

मध्यप्रदेश में 2 दिन में भूकंप के 2 झटके, खौफ में लोग, सिवनी में बीते 4 साल में 50 से अधिक बार हिली धरती

सिवनी, 02 सितम्बर (इ खबर टुडे)। भू-गर्व में कमजोर चट्टान क्षेत्र के कारण सिवनी शहर सहित आसपास वर्षाकाल में भूकंप दर्ज होने की सिलसिला जारी है। एक व दो सितंबर को 33 घंटे के भीतर दो बार राष्ट्रीय सिस्मोलाजी सेंटर में रिक्टर स्केल में 2.5 तथा 2.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है। हालाकि दोनों भूकंप के झटकों से कोई नुकसानी अब तक सामने नहीं आई है।

सोमवार दोपहर भूकंप
भूकंप से लोगों में कुछ क्षण के लिए दहशत फैला दी। सोमवार दोपहर 2.52 बजे भी भूकंप ने शहरवासियों को हिला दिया। एक दिन पहले 1 सितंबर की अल सुबह 6.09 बजे भी 2.2 तीव्रता का भूकंप सिवनी में दर्ज किया गया है। भूकंप का केंद्र आमाझिरिया गांव होने के कारण लोगों को इसका पता नहीं चला।

सात किलोमीटर गहराई में था भूकंप का केंद्र
दोनों भूकंप का केंद्र भूमि की सतह से पांच व सात किलोमीटर गहराई में था। जबकि सोमवार को आए भूकंप का केंद्र छिंदवाड़ा रोड़ हाईवे में बम्होड़ी ब्रिज के करीब था। भू-गर्व की कमजोर चट्टानें से भूकंपभू-विज्ञानियों के मुताबिक भू-वर्ग में मौजूद चट्टानों के वीक जोन रीजन (कमजोर क्षेत्र) में सिवनी जिला आता है।

कई सालों से आ रहा भूकंप
वर्षाकाल में पानी की ओडिंग-अनलोडिंग (दबाव बढ़ने व घटने से) से चट्टानों में तनाव बढ़ने के कारण भूकंप आने का सिलसिला कई सालों से बना हुआ है। कमजोर चट्टान भू-गर्व की खाली जगह भरने खिसकती है। इससे तैयार ऊर्जा (एनर्जी) भू-गर्व से बाहर निकलने के कारण भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं।

चार साल में 50 से ज्यादा भूकंप
सिवनी में भविष्य में रिक्टर स्केल पर ढाई से तीन तीव्रता के भूकंप आने की संभावना बनी हुई है। इससे मजबूत भवनों को नुकसान की आशंका नहीं है। बीते चार साल में लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा भूकंप दर्ज किए गए हैं। इस साल पहला भूकंप 23 जुलाई को दर्ज हुआ था। अभी तक दर्ज हुए भूकंप से बड़ा नुकसान सामने नहीं आया है।

घर की दीवारों में गहरी दरारें
चूनाभट्टी, डूंडासिवनी के रहवासियों के अनुसार बार-बार भूकंप से घर की दीवारों में गहरी दरारें आ गई है। सिवनी में केवल एक बार 4.2 तीव्रता का भूकंप आया है। दिल्ली से विशेषज्ञाें का दल दो बार सिवनी का दौरा भी कर चुका है।भूकंप की घटनाओं का सटीक विश्लेषण करने सिवनी में चार स्थानों पर भूकंप मापी वैद्य शाला बनाई गई हैं।

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