लोन स्वीकृत करने के बदले 10 हजार की रिश्वत लेने वाले बैंक के प्रबंधक को 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा
रतलाम,30 अगस्त (इ खबर टुडे)। केसीसी लोन मंजूर करने वाले सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के रिश्वतखोर मैनेजर मांगीलाल चौहान को 10हजार लेते हुए रंग के हाथों गिरफ्तार किया गया। न्यायाधीश आदित्य रावत द्वारा बैंक मैनेजर को 4 साल की सजा तथा 2 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया गया। पैरवी विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कृष्णकांत चौहान द्वारा की गई।
जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम गोविन्द प्रसाद घाटिया एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय कुमार पारस ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा आलोट, जिला रतलाम के तत्कालीन मैनेजर मांगीलाल चौहान ने 2 लाख 72000 का केसीसी लोन मंजूर होने के बाद 7 मार्च 2022 को आवेदक बालूसिंह रेवड़िया पिता रामचंद्र को फोन लगाया। लोन मंजूर होने के बदले 15000 रिश्वत की मांग की। लोन मंजूर होने पर ₹10000 देने की बात तय हुई। आवेदक ने इसकी सूचना लोकायुक्त उज्जैन को दी। 11 मार्च 2022 को जब ₹10000 दिए गए, तब विधिवत ट्रिपिंग की कार्रवाई की गई। मैनेजर मांगीलाल चौहान को गिरफ्तार किया। कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया गया।
आरोपी मैनेजर को भेजा जेल
रिश्वत लेने वाले आरोपी बैंक मैनेजर मांगीलाल चौहान पिता बलदेव चौहान, उम्र-60 वर्ष, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया, शाखा आलोट, जिला रतलाम निवासी – 34 कपिल विला वैष्णवी भवन भाचावत शोरूम के पीछे यश नगर, इंदिरा कालोनी संजीत रोड खाटूश्याम मंदिर के पास, मंदसौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषसिद्ध पाया। 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा राशि 2000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान द्वारा की गई।