November 14, 2024

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी आयोजित की गई

रतलाम,14 अगस्त(इ खबर टुडे)। राज्य शासन के निर्देश अनुसार रतलाम में भी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर 14 अगस्त को प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें देश के विभाजन की विभीषिका को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया एवं संबंधित परिवारों के परिजनों ने वृतांत सुनाए। नवनिर्मित तहसील सभा कक्ष में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का प्रारंभ महापौर प्रहलाद पटेल ने फीता काटकर किया । महापौर द्वारा परिसर में संपूर्ण प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया। कलेक्टर राजेश बाथम अपर कलेक्टर, आरएस मंडलोई आदि उपस्थित थे। प्रदर्शनी में छाया चित्रों के माध्यम से वर्ष 1947 में तत्कालीन देश विभाजन से संबंधित विभिन्न दृश्यों से देखने वाले रूबरू हुए।

इसी प्रकार कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें महापौर प्रहलाद पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के विभाजन के दौरान जिन परिवारों ने पीड़ा भुगती है। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है, उनकी पीड़ा को भूल नहीं सकते, उसका सदैव स्मरण रहेगा अब हमें अपने देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करना है। कलेक्टर राजेश बाथम ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभाजन के दौरान उधर से रतलाम आए परिवारों के सहायतार्थ जो भी कार्य किया जाना है, उसमें प्रशासन द्वारा भरपूर मदद की जाएगी।

महाविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर आकाश दाहिया ने वर्ष 1947 में देश के विभाजन के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं उस दौरान विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका बताई। इसके अलावा शहर के भगवान दास त्रिलोकचन्दानी, हीरालाल करमचंदानी, भजनलाल परमानी ने अपने उद्बोधन में विभाजन के दौरान के हालात और उनके परिवारों के दुख परेशानियों का वर्णन किया। इस दौरान ज्ञानचंद कृष्णानी, अपर कलेक्टर आरएस मंडलोई, वरिष्ठ पत्रकार सुशील खरे, अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एसडीएम अनिल भाना ने किया। आयोजित कार्यक्रम में विभाजन विभीषिका के दौरान प्राणोत्सर्ग करने वाले लोगों की याद में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

ज्ञातव्य है कि भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्योछावर करना पड़े उन परिवारों को नमन करते हुए ऐसे लोगों की स्मृति में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया।

You may have missed

This will close in 0 seconds