November 22, 2024

मदरसे की 43 बालिकाओं को स्कूल में एडमिशन करवाया,कलेक्टर ने मदरसा पहुंचकर पाठ्य पुस्तकें वितरित की

रतलाम,06 अगस्त(इ खबर टुडे)। कलेक्टर राजेश बाथम मंगलवार को रतलाम के समीप खाचरौद रोड स्थित आयशा सिद्दिका मदरसा पहुंचे। कलेक्टर ने मदरसे में पढ़ने वाली बालिकाओं को पाठ्य पुस्तक के वितरित की। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर आर.एस. मंडलोई, एसडीएम अनिल भाना आदि उपस्थित थे।

कलेक्टर ने कहा कि इस मदरसे में पढ़ने वाली 43 बालिकाओं का स्कूल में एडमिशन नहीं था जिनका स्कूल में एडमिशन करवाया गया है ताकि बालिकाएं आधुनिक शिक्षा भी प्राप्त कर सके। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को आधुनिक शिक्षा देना अनिवार्य है, यही कार्य प्रयास सभी मदरसों किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि रतलाम मुख्यालय पर निरीक्षण किए गए मदरसों में जो भी कमियां पाई गई है इसके लिए उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय के दो मदरसों में कुछ कमियां पाई गई है उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र दिए जा रहे हैं। जिन मदरसे के बच्चों का स्कूल प्रवेश नहीं पाया गया है उन मदरसा संचालकों के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मदरसों का नियमित निरीक्षण किया जाकर धार्मिक शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि विगत दिनों मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा द्वारा मदरसे के निरीक्षण के दौरान मदरसे में बालिकाओं को धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक मुख्यधारा की शिक्षा दिलवाने के लिए भी ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया था, इस परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा मदरसे में बालिकाओं को मुख्यधारा की आधुनिक शिक्षा दिलवाने की व्यवस्था की जा रही है। जिन बालिकाओं का स्कूल में प्रवेश नहीं है उनको स्कूल में प्रवेश भी करवाया गया है ताकि बालिकाएं आगे चलकर बेहतर जीवन यापन कर सके, अपने परिवार का मजबूत सहारा बन सके, आधुनिक मुख्यधारा की शिक्षा प्राप्त करके अपने परिवार एवं अपने करियर में उन्नति कर सके। कलेक्टर ने कहा है कि बालिकाओं को आधुनिक विषयों का भी अध्ययन करवाया जाएगा जिसे बेहतर करियर के साथ बालिकाएं आत्मनिर्भर बन सके।

मदरसे में पढ़ने वाली बालिकाओं को आधुनिक मुख्यधारा की शिक्षा देने का उद्देश्य है कि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी, आत्मनिर्भर बन सकेंगी। अपनी प्रगति के साथ अपने परिवार का उन्नयन भी कर पाएंगी। आधुनिक मुख्यधारा की शिक्षा प्राप्त करके बालिकाएं उच्च पदों पर पहुंच सकेंगी, अपने परिवार और समाज की बेहतरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी। इसके साथ ही बालिकाएं अन्य व्यक्तियों एवं अपने परिवार, संबंधियों को भी उन्नति के लिए प्रेरित कर पाएंगी।

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