संत समुदाय की भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ “दिव्य देवालय द्वि – शताब्दी उत्सवका शुभारम्भ
रतलाम,1 अप्रैल(इ खबर टुडे ) । श्री बडा रामद्वारा स्थित दिव्य देवालय के द्विशताब्दी महोत्सव का शुभारंभ रामधाम खेडापा के आचार्य श्री श्री 1008 श्री पुरषोत्तम दास जी महाराज,उनके उत्तराधिकारी संत श्री गोविन्दराम शास्त्री महाराज व अनेक संत समुदाय की भïव्य शोभायात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा का समापन बडा रामद्वारा में स्थित दिव्य देवालय की शिखर स्थापना के साथ हुआ।
दिव्य देवालय के द्विशताब्दी महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय धार्मिक समारोह का शुभारंभ सोमवार को रामधाम खेडापा के आचार्य संत श्री पुरषोत्तम दास जी महाराज और उनके सुशिष्य संत श्री गोविन्दराम शास्त्री जी समेत अनेक संतों के मंगल आमगन से हुआ। संत वृन्द के कालिका माता मन्दिर परिसर में आगमन के मौके पर भïव्य पधरावणी शोभायात्रा निकाली गई,जिसमें अनेक महिलाएं मंगर कलश लेकर चल रही थी। संत समुदाय का मार्ग में अनेक स्थानों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
बैण्डबाजों के साथ निकली शोभायात्रा का समापन श्री बडा रामद्वारा पहुंच कर हुआ,जहां संत श्री गोविन्दराम जी ने उपस्थित श्रद्धालुजनों को सम्बोधित करते हुए रामद्वारे के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि रतलाम स्थित बडा रामद्वारा की स्थापना करीब दो सौ वर्ष पूर्व श्री श्री 108 श्री पीथोदास जी महाराज ने की थी। दिव्य देवालय की स्थापना के समय भी संत श्री पीथोदास जी महाराज अनेक संतों के साथ रतलाम पधारे थे। इस अवसर पर रामधाम खेडापा के आचार्य संत श्री पुरषोत्तम दास जी महाराज ने अपने आशिर्वचन प्रदान किए।
संतों की उपस्थिति में दिव्य देवालय के शिखरों की स्थापना की गई। सात दिवसीय धार्मिक महोत्सव के चलते रामद्वारा को अत्यन्त मनोहारी ढंग से संवारा गया है। सात दिवसीय धार्मिक समारोह में जहां संत श्री गोविन्द राम जी द्वारा सोमवार से श्री मद्भागवत कथा भी प्रारंभ की गई। मंगलवार से प्रतिदिन शाम को नानी बाई का मायरा भी परमहंस डा. संत श्री रामप्रसाद जी द्वारा किया जाएगा।
रामस्नेही संप्रदाय आचार्य पीठ रामधाम खेड़ापा का षष्ठम् थाबायंत रामद्वारा बड़ा रामद्वारा रतलाम के आदि संस्थापक श्रीश्री 108 श्री पीथोदास जी महाराज के दिव्य देवालय शिखर स्थापना उत्सव के कार्यक्रम में रामधाम खेड़ापा आचार्य श्रीश्री 1008 श्री पुरुषोत्तमदास जी महाराज की पधरावणी शोभा यात्रा में सन्त श्री गोविन्दराम जी शास्त्री के अतिरिक्त संत श्री माधोदास जी निमाज ,संत श्री सन्मुखराम जी झूठावाद , संत श्री रामप्रकाश जी अराई, श्री समर्थराम जी पुष्कर भी उपस्थित थे। श्री बड़ा रामद्वारा के महंत पुष्पराज रामस्नेही और उनके सुशिष्य ध्यानदास जी ने सभी संतो की अगवानी की। समारोह में श्री आत्म कल्याण राम विलास ट्रस्ट के सचिव तुषार कोठारी ट्रस्टी गोविन्द काकानी, दशरथ पाटीदार,अमित लामा सहित बड़ी संख्या में धर्मालु महिला पुरुष शामिल हुए।