December 23, 2024
samudra manthan

आज के संदर्भ में समुद्र मंथन की पौराणिक कथा बिल्कुल सही प्रतीत होती हैl भारत देश रुपी समुंद्र में चुनाव रूपी मंथन से अभी 5 रत्न प्राप्त हुए हैं l समुद्र मंथन देवता और दानवों द्वारा किया गया था, आज एक और एनडीएके देवता तो दूसरी ओर इंडी के दानव उपस्थित हैंl उल्लेख है कि मंथन में विष निकला था और भगवान शिव ने विषपानकर लिया था और उन्हीं की कृपा से अमृत कलश प्राप्त हुआथा l आज भी विपक्ष की ओर से गालियां रुपी गरल का विषवमन किया जा रहा है जिसे नरेंद्र रुपी शिव विष पान किए जा रहे हैंl थोड़े दिनों में ही चुनाव के परिणाम का सत्ता रूपी अमृत कलश प्राप्त होने वाला है इसे नरेंद्र मोदी की कृपा ही समझिए, कि यह अमृत कलश भारतीय जनता पार्टीको प्राप्त होगा l

सत्ता प्राप्ति के लिए विपक्ष द्वारा कैसे-कैसे प्रपंच रचे जा रहे हैं। इनमें से किसान आंदोलन प्रमुख हैं l किसानों की जो मांगे हैं उन्हें वर्तमान सरकार तो क्या कोई भी सरकार स्वीकार नहीं कर सकती l एक मांग यह भी है कि साठ साल की उम्र के बाद प्रत्येक किसानकोप्रतिमाह दस हजार रुपए पेंशन के रूप में दिए जाएं l नौकरी पेशा लोगों को पेंशन इसलिए दी जाती है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उनके पास जीवन यापन का और कोई स्रोत नहीं रहता है, किसान के पास तो उसकी जमीन रहती है और उसके बाद उनके वारिस खेती करते हैं फिर पेंशन क्यों l

किसान द्वारा जो मांगे रखी जा रही है इन्हीं मांगो को 2010 में मनमोहन सरकार ठुकरा दिया गया थाl समुद्र मंथन मैं अमृत कलश देवताओं के हाथ लगा था अतः अभी भी सत्ता एन डी ए सरकार के हाथ में ही आएगी l सुना हे कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस वर्ष चुनाव वैलिट पेपर द्वाराहोंगे, अब चुनाव चाहे evm मशीन द्वारा होंगे या वैलिट पेपर द्वारा जीत मोदी सरकार की ही होगी क्योंकि मतदाताओं के मन में तो मोदी का वास है

आज तक यह समझ में नहीं आया कि किसानों को अन्नदाता क्यों बोला जाता है? क्या किसान फ्री फोकट में अनाज देते हैं, यदि अनाज देते भी है तो उसका पैसा लेते हैं l यह बोट बैंक की राजनीति तुष्टीकरण की राजनीति से लिए किसानों की सभी जाए जो नाजायज मांगों को माना जाता है, किसान भी इस बात को जानते हैं और इसका पूरा फायदा उठाते हैं l इन्हें बीज खाद्पर सब्सिडी चाहिए और प्राकृतिक आपदाओं मैं रात कार्यों के रूप में सरकार से खूब पैसा लेते हैं चाहेसूखा पड़े चाहे अधिक बरसात हो जाए या ओले गिरे अधिक ठंड से फसल खराब हो जाए इन्हें राहत के रूप में अधिक से अधिक पैसे चाहिए l

आज किसानों की माली हालत पहले जैसी नहीं, गांव में उनके पास ट्रैक्टर के अलावा महंगी महंगी गाड़ियां है जो मध्यम वर्ग के लोगों को भी उपलब्ध नहीं है, वह जमाना गया जब किसान आत्महत्या करते थे अब तो लाखों में एक का दुर्भाग्यशाली मिल जाता है जो आत्महत्या करता है अन्यथा किसने की हालत बहुत अच्छी है उसके बाद भी यह आंदोलन करते हैं l अभी जो आंदोलन चल रहा है यह विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रायोजित है l कुछ किसान संगठनों के नेता स्वीकार कर चुके हैं कि उनका उद्देश्य किसी भी हालत में मोदी को सत्ता में आने से रोकना है l कुछ अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यदि किसान जो मांगे रख रहे हैं यदि सब स्वीकार कर ली जाए, तो गेहूं का भाव ₹200 प्रति किलो से भी अधिक हो जाएगा l देश की हालत बद से बदतर हो जाएगीl

किसान जो कुछ कर रहे हैं उसे पूरा देश देख भी रहा है और सब समझ रहा है अब विपक्ष कुछ भी करें सरकार को इस आंदोलन का दमन करना चाहिएl

डॉक्टर डीएन पचौरी
दो बत्ती थाने के निकट रतलाम

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