November 23, 2024

योग से होता है मानव का आन्तरिक विकास एवं उत्कर्ष

पहले अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हुआ सामूहिक योग

 उज्जैन  21 जून(इ खबरटुडे)। योग हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा हमें दी गई ऐसी अद्भुत एवं अत्यन्त उपयोगी विद्या है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानव का आन्तरिक विकास एवं उत्कर्ष होता है। इससे हमारा अर्न्तमन एवं अन्तऊर्जा जागृत होते हैं। व्यक्ति तनाव से मुक्त होकर शांति के मार्ग पर प्रशस्त होता है। यह मानव कल्याण का हेतु है। हम यह संकल्प लेते हैं कि हम स्वस्थ्य, शांतिमय एवं प्रेममय मानव बनेंगे। योग के माध्यम से हम हर व्यक्ति से एकात्म होने का प्रयास करेंगे।

पहले अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज 21 जून रविवार को दशहरा मैदान में आयोजित सामूहिक योग कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने यह संकल्प लिया, साथ ही आकाशवाणी से हो रहे प्रसारण एवं योग शिक्षकों के निर्देशों के अनुसार योगाभ्यास किया ।  कार्यक्रम प्रात: 6.30 से प्रारंभ हुआ जो प्रात: 7.37 तक चला।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री पारस जैन, सांसद डॉ.चिन्तामण मालवीय, विधायक डॉ. मोहन यादव, कमिश्नर डॉ. रवीन्द्र पस्तौर,  आई.जी. व्ही. मधुकर, कलेक्टर  कवीन्द्र कियावत, एस.पी.  एम.एस. वर्मा सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधि, विभिन्न योग संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विद्यार्थी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में लगभग 7 हजार व्यक्तियों ने सामूहिक योग किया।

हर व्यक्ति को योग से जुड़ना चाहिये

 कार्यक्रम के पश्चात स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन ने चर्चा में कहा कि वे स्वयं 40 वर्ष से योग कर रहे हैं। योग शरीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक उपयोगी है। देश के प्रधान मंत्री एवं हम सब के यही प्रयास हैं कि हर व्यक्ति अपने जीवन में योग को उतारे। उन्होंने प्रदेश के विद्यालयों में योगाभ्यास की शिक्षा की भी आवश्यकता बतायी।

विश्व के 193  देशों ने प्रस्ताव किया पारित

 कार्यक्रम में बताया गया कि देश के प्रधान मंत्री की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अन्तर्राष्ट्ररय योग दिवस मनाये जाने के लिए रखे गये प्रस्ताव को विश्व के 193 देशों ने स्वीकृति प्रदान की है तथा आज यह योग दिवस समूचे विश्व में मनाया जा रहा है।

सामूहिक योग किया

 कार्यक्रम में सभी ने सामूहिक योग किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मध्य प्रदेश गान के साथ हुआ। योग के प्रारंभभ में प्रार्थना की गई तथा 3 बार ओंकार किया गया। पहले शरीर चालन क्रियाएं प्रांरभ की गईं, जिसके अंतर्गत खड़े होकर, बैठकर एवं पेट तथा पीठ के बल लेटकर वि‍‍भिन्न योगासन किए गए। दूसरे चरण में प्राणायाम किया गया, जिसके अंतर्गत नाड़ी शोधन, कपाल भांति, भ्रामरी आदि प्राणायाम किये गए । अंतिम चरण में ध्यान का अभ्यास किया गया। अन्त में सभी के सुख, स्वास्थ्य एवं कल्याण की प्रार्थना की गई। कार्यक्रम के अन्त में जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल द्वारा उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया गया।

ये सावधानियां आवश्यक

 कार्यक्रम में बताया गया कि योग करने के पूर्व तथा उसके दौरान कुछ सावधानियां बरती जाना आवश्यक हैं। योग खाली पेट अथवा हल्के पेट होना चाहिये। योग के दौरान शरीर पर हल्के आरामदायक एवं सूती कपड़े होने चाहिएं। बीमारी हो तो चिकित्सक से परामर्श के बाद ही योग करें। योग का अभ्यास सांस की जागरुकता के साथ करें, किसी प्रकार का झटका अथवा जबरदस्ती योग में नहीं होनी चाहिये। यह सहजता के साथ किया जाना चाहिये।

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