बिहार से भटक कर आए मनोरोगी के परिजनों को ढूंढ लिया समाजसेवी डा.राव ने,परिजनों को दी सूचना,विडीयोकाल पर बात भी कराई
रतलाम,2 जनवरी (इ खबरटुडे)। बिहार से भटक कर रतलाम के धामनोद पंहुच गए मनोरोगी के परिजनों को समाजसेवी डा.दिनेश राव ने ढूंढ निकाला। मनोरोगी युवक के परिजन अगले कुछ दिनों में युवक को लेने रतलाम आएंंगे। तब तक इस युवक को चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि समीपस्थ गांव धामनोद में मंगलवार दोपहर को एक मनोरोगी युवक इधर उधर भटकता हुआ देखा गया। मनोरोगी युवक को देखकर गांव के ईश्वर नामक चाय वाले और कमलेश राव ने उसे रोका और इस बात की सूचना समाजसेवी डा. दिनेश राव को दी। डा. दिनेश राव ने मनोरोगी युवक की काउन्सिलिंग की,तो उसने बताया कि वह बिहार के नालन्दा जिले के चण्डी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। युवक ने अपना नाम सरबजीत पिता मधुप पासवान बताया। उसने अपने भाईयो और पत्नी का नाम भी बताया लेकिन वह अपने गांव का नाम नहीं बता पा रहा था।
डा. दिनेश राव ने बिहार के नालंदा जिले के चण्डी पुलिस थाने का नम्बर इन्टरनेट के माध्यम से पता किया और चण्डी पुलिस थाने के अधिकारियों को इस बात की सूचना दी। चण्डी पुलिस थाने के अधिकारियों ने अपने क्षेत्र की गुमशुदगी का रेकार्ड चैक किया तो पता चला कि उक्त मनोरोगी सरबजीत मुबारक पुर गांव का रहने वाला है। इसके बाद डा. दिनेश राव ने सरबजीत के परिजनों से बात कर उन्हे सरबजीत के बारे में जानकारी दी। इसी दौरान डा. दिनेश राव की मुबारकपुर गांव के मुखिया से भी चर्चा हुई।
सरबजीत का परिवार मजदूरी करता है। गांव के मुखिया शशिकान्त कुशाल ने डा. राव से कहा कि वे सरबजीत के परिजनों से शाम के विडीयोकाल पर बात करवाएंगे। शाम को मुबारकपुर के मुखिया शशिकान्त ने सरबजीत के परिजनों को अपने घर पर बुलवाया और उनकी बात विडीयो काल के द्वारा डा. दिनेश राव से करवाई। परिजनों को विडीयोकाल पर देखकर सरबजीत रोने लगा। सरबजीत की बडी भाभी ने बताया कि वह कुछ दिनों पूर्व ही घर से गायब हुआ है। सरबजीत विवाहित है और उसके दो बच्चे भी है। सरबजीत के परिजनों ने बताया कि वह पहले ही ही कमजोर दिमाग का है। सरबजीत के परिजनों का कहना था कि वे रतलाम की गाडी तलाश कर जल्दी से जल्दी रतलाम पंहुचेंगे।
मनोरोगी युवक के परिजनों का पता चल जाने के बाद डा. दिनेश राव ने समाजसेवी गोविन्द काकानी से उक्त युवक की व्यवस्था के लिए चर्चा की। श्री काकानी ने मनोरोगी युवक को उसके परिजनों के आने तक जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में रखने का सुझाव दिया। दो दिनों के लिए अब सरबजीत को फिर से जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।