November 24, 2024

Padman : महिलाओं में सैनेटरी पेड के प्रति जागरुकता लाने के लिए नारी सम्मान साइकिल यात्रा कर रहे हैैं मध्यप्रदेश के पैडमेन सुरेन्द्र बामने

रतलाम,31 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। ग्रामीण क्षेत्र की अशिक्षित महिलाओं को माहवारी के समय पर सुरक्षित और सस्ता सेनेटरी पेड मुहैया कराने के अभियान से चर्चा में आए तमिलनाडू के पेडमैन यानी अरुणाचलम मुरुगनाथन के जीवन पर अक्षय कुमार द्वारा पेडमैन नामक फिल्म बनाई जा चुकी है। इसी प्रकार का उद्देश्य सामने रखकर नर्मदापुरम के सुरेन्द्र अपनी साइकिल से मध्यप्रदेश की यात्रा पर निकले है,ताकि प्रदेश की महिलाओं में सेनेटरी पेड के प्रति जागरुकता ला सके। 26 दिनों में 12 जिलों की 13 सौ किमी की यात्रा करते हुए मध्यप्रदेश के पेडमैन सुरेन्द्र बामने अभी करीब तीन महीनों तक साइकिल से प्रदेश के प्रत्येक जिले में पंहुचेंगे।

नारी के सम्मान में साइकिल यात्रा कर रहे मध्यप्रदेश के पेड मैन सुरेन्द्र बामने ने रविवार को रतलाम पंहुचने पर इ खबरटुडे से चर्चा की। उन्होने बताया कि मुंबई में एक ट्रेन यात्रा के दौरान एक बालिका को अचानक माहवारी आ गई। वह बालिका बेहद परेशान हो गई थी। उस समय सुरेन्द्र ने उसकी मदद की थी। तभी से सुरेन्द्र के मन में यह विषय घूमने लगा था। मुंबई से लौटने पर उन्होने मेडीकल व्यवसाय से जुडे व्यक्तियों और कुछ डाक्टरों से इसके सम्बन्ध में जानकारी हासिल की। उन्हे पता लगा कि देश की असंख्य महिलाएं माहवारी के दौरान गन्दे कपडों के उपयोग से बुरी तरह बीमार हो जाती है और कई तरह की परेशानियों का सामना करने को मजबूर है। तभी से सुरेन्द्र के मन में इस विषय पर कुछ ना कुछ करने का विचार पनप रहा था।

आखिरकार सुरेन्द्र ने इस विषय में महिलाओं को जागरुक करने के लिए मध्यप्रदेश की साइकिल यात्रा करने का निर्णय लिया और करीब 25 दिन पहले उन्होने नर्मदापुरम(होशंगाबाद) से अपनी साइकिल यात्रा प्रारंभ कर दी। अपने पच्चीस दिनों के इस सफर में सुरेन्द्र अब तक प्रदेश के नर्मदापुरम,हरदा,खण्डवा,बुरहानपुर,खरगोन,बडवानी,अलीराजपुर,झाबुआ,धार,इन्दौर,देवास और उज्जैन इस तरह बारह जिलों की करीब 1300 किमी की यात्रा करते हुए रतलाम पंहुचे है। सुरेेन्द्र ने बताया कि वे हर दिन औसतन 40 से 50 किमी की यात्रा करते है। रास्ते में आने वाले गांवों में वे आंगनवाडी कार्यकर्ता या सहायिकाओ की मदद से ग्रामीण महिलाओं से सम्पर्क करते है और उन्हे माहवारी के दौरान सुरक्षित सैनेटरी पेड का उपयोग करने हेतु प्रेरित करते है। सुरेन्द्र के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश अशिक्षित महिलाओं से इस प्रकार के अत्यन्त निजी विषय पर सीधे चर्चा करना बेहद कठिन है,इसलिए वे आंगनवाडी कार्यकर्ता या इस प्रकार की अन्य शासकीय कर्मचारी महिलाओं की मदद लेते है और अपने उद्देश्य को पूरा करते है।

दर्शनशास्त्र में एमए कर रहे सुरेन्द्र बामने नर्मदापुरम की इटारसी तहसील टेमला ब्लाक के गांव बोरखेडा अमराई के निवासी है। उनके पिता खेती करते है। प्रदेश की साइकिल यात्रा करने का विचार जब उन्होने अपने पिता को बताया तो पहले तो उन्होने सुरेन्द्र को रोकने की कोशिश की,लेकिन सुरेन्द्र की जिद के बाद उन्होने सुरेन्द्र को इसकी अनुमति दे दी। सुरेन्द्र के यात्रा संकल्प की जानकारी मिलने पर उनके एक मित्र ने उन्हे दस हजार रु. की मदद की,जिससे सुरेन्द्र ने साइकिल खरीदी और यात्रा के जरुरी इंतजाम किए।

सुरेन्द्र ने बताया कि अभी तक की 13 सौ किमी की यात्रा के दौरान वे लगभग डेढ सौ गांवों में सम्पर्क कर चुके है। अब तक की यात्रा में उन्हे लगभग सभी स्थानों पर लोगों का अच्छा सहयोग मिला है। उनके रहने खाने का इंतजाम रास्ते में मिलने वाले लोग कर देते है । इतना ही नहीं कई लोगों ने उन्हे आर्थिक मदद भी दी है। अब तक उन्हे करीब पांच हजार रु. की आर्थिक सहायता मिली है,जिसकी मदद से उनकी यह यात्रा सफलता पूर्वक चल रही है। सुरेन्द्र ने बताया कि उनकी यह यात्रा अभी करीब तीन महीने चलेगी और उनका लक्ष्य प्रदेश के प्रत्येक जिले तक पंहुचने का है।

यात्रा का समापन वे भोपाल में मुख्यमंत्री से मिल कर करना चाहते है। उज्जैन से गुजरते समय उन्होने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के कार्यालय में एक आवेदन भी दिया था कि जब उनकी यात्रा का समापन हो,तब मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से उनकी भेट हो सके। सुरेन्द्र बामने चाहते है कि प्रदेश की सभी महिलाओं को शासन की ओर से मुफ्त सैनेटरी पैड दिए जाने चाहिए और महिलाओं में सैनेटरी पेड के प्रति जागरुकता उत्पन्न करने के लिए प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाये । उनकी शासन से यह भी मांग है कि प्रदेश में शासन की ओर से सैनेटरी पैड बनाने के प्लान्ट लगाए जाने चाहिए। जिससे कि महिलाओ को निशुल्क सेनेटरी पेड़ उपलब्ध कराये जा सके वही युवाओ को रोजगार भी मिल सके। सुरेन्द्र रतलाम से सैलाना,पिपलौदा जावरा होकर अब मन्दसौर और नीमच जाएंगे।

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