November 23, 2024

शिक्षा और संस्कार मिल जाये तो बच्चे चमत्कार कर देंगे

हिन्दी भाषा में भी दिलाई जायेगी इंजीनियरिंग की शिक्षा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दमोह में किया डीपीएसजी विद्यालय का शुभारंभ

भोपाल 7 जून (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सम्पूर्ण शिक्षा के साथ संस्कार भी दिये जाये तो प्रदेश के बच्चे विश्व में चमत्कार करके दिखा देंगें। श्री चौहान आज दमोह में डीपीएसजी विद्यालय का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में इंजीनियरिंग की शिक्षा हिन्दी भाषा में देने पर विचार का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि डीपीएसजी स्कूल शुरू होने से अंचल में शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश सरकार, स्कूली बच्चों को हरसंभव सुविधाएँ दे रही हैं। मण्डला और डिण्डोरी क्षेत्र के 137 बच्चों ने जेईई-आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता पायी है। मुख्यमंत्री ने स्कूल प्रबंधन से अपेक्षा की कि वे अपने संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी प्रवेश देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के कौशल विकास के लिए रोजगारोन्‍मुखी शिक्षा के प्रबंध किये गये हैं। इसी कड़ी में इंजीनियरिंग उत्तीर्ण विद्यार्थी को स्वयं का रोजगार स्थापित कर रोजगार देने में समर्थ बनाने की पहल हुई है। सरकार ने अपनी ओर से बेंक गारंटी देकर 10 लाख से एक करोड़ की राशि का लोन दिलाने की मुख्यमंत्री कॉन्ट्रेक्टर योजना भी लागू की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधोसंरचना और सामाजिक विकास के साथ ही राज्य सरकार का फोकस शिक्षा और स्वास्थ्य पर होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी प्रयास के साथ निजी प्रयास भी जुड़ जायें, तो हम बच्चों को सम्पूर्ण शिक्षा देने में समर्थ होगें।

डीपीएसजी ग्रुप गाजियाबाद के अध्यक्ष  ओम पाठक ने स्कूल की उपलब्धियाँ बताई। श्रीमती सुधा मलैया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने इंजीनियरिंग की शिक्षा हिन्दी भाषा में दिलवाये जाने की अपेक्षा की।

ओजस्विनी शिक्षण संस्थान के छात्र-छात्राओं ने मनोरम नृत्य प्रस्तुत किया। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  गोपाल भार्गव, वित्त मंत्री जयंत मलैया, परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर, सांसद प्रहलाद पटेल, विधायक लखन पटेल और शैलेन्द्र जैन, श्रीमती उमादेवी खटीक, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मालती असाटी सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।

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