November 20, 2024

नामवापसी के बाद जिले की पांचो सीटों की तस्वीर हुई साफ,चार सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले,बागियों को मनाने में भाजपा रही आगे,कांग्रेस के बागी मैदान में मौजूद

रतलाम,02 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। विधानसभा निर्वाचन में नामवापसी का समय बीतने के साथ जिले की पांचों विधानसभा सीटों की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। जिले में रतलाम शहर सीट को छोड कर जिले की चारों सीटों पर या तो त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है,या कांग्रेस के बागी उम्मीदवार मैदान में है। नाम वापसी के बाद भाजपा के खेमें में खुशी का माहौल है।

आलोट- कांग्रेस में बगावत

जिले की आलोट सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनो के ही बागी मैदान में मौजूद थे। ,कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और भाजपा नेता रमेश मालवीय ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किए थे। दोनो ही पार्टियों में बागी प्रत्याशियों को मनाने समझाने की कोशिशें आखरी वक्त तक चलती रही। भाजपा की कोशिशें सफल रही और रमेश मालवीय ने वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर आखिरकार अपना नाम वापस ले लिया। रमेश मालवीय की नामवापसी के बाद आलोट के भाजपाई खेमें का खुशी का माहौल है। दूसरी र प्रेमचन्द गुड्डू के निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में मैदान में मौजूद रहने से ,कांग्रेस के खेमे में चिन्ता का वातावरण बना हुआ है।

जावरा-त्रिकोणीय मुकाबला

जावरा सीट की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है। जावरा सीट पर भाजपा में कोई बागी प्रत्याशी नहीं है,लेकिन दूसरी तरफ ,कांग्रेस के कई दावेदार मैदान में थे। ,कांग्रेस ने इस सीट पर पहले हिम्मत सिंह श्रीमाल का नाम घोषित किया था और बाद में इसे बदलकर वीरेन्द्र सिंह सोलंकी को टिकट दे दिया। जावरा सीट पर राजपूत मतदाताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। जावरा सीट पर इस बार कई दावेदार दावा जता रहे थे। इनमें जिला पंचायत के नेता डीपी धाकड,आलोट के वीरेन्द्र सिंह सोलंकी और करणी सेना के नेता जीवन सिंह तीनों ,कांग्रेस का टिकट हासिल करने की दौड में थे।,कांग्रेस ने पहले हिम्मत श्रीमाल और आखिर में वीरेन्द्र सिंह को टिकट दिया। टिकट की दावेदारी कर रहे डीपी धाकड और पहले प्रत्याशी घोषित किए गए हिम्मत श्रीमाल तो मैदान से हट गए,लेकिन जीवन सिंह शेरपुर ने अपना नाम वापस नहीं लिया है। अब जावरा में जीवन सिंह शेरपुर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में मैदान में है। ,कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी वीरेन्द्र सिंह और करणी सेना के नेता जीवन सिंह दोनो राजपूत समाज से होने के कारण राजपूत समाज के वोटों में बंटवारा होने की अटकलें लगाई जा रही है। ऐसी स्थिति में जावरा सीट पर ,कांग्रेस के लिए चुनौतियां बढ गई है।

रतलाम ग्रामीण और सैलाना में जयस का खतरा

जिले की दो आदिवासी सीटों रतलाम ग्रामीण और सैलाना में जयस के उम्मीदवार मौजूद है और दोनो ही सीटों पर जयस की वजह से ,कांग्रेस को खतरा होने के अनुमान लगाए जा रहे है। रतलाम ग्रामीण सीट पर कांग्र्रेस ने पूर्व जनपद पंचायत सीईओ लक्ष्मण सिंह डिण्डौर को टिकट दिया है। इस सीट पर जयस से जुडे डा.अभय ओहरी ने भी ,कांग्रेस से टिकट की मांग की थी। ,कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी लक्ष्मणसिंह डिण्डौर पर बाहरी प्रत्याशी होने का लेबल लगा हुआ है और उमकी उम्मीदवारी को लेकर ,कांग्रेस में आंतरिक स्तर पर असंतोष भी है। दूसरी तरफ डा. अभय ओहरी के निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में होने से ,कांग्रेस के लिए चुनौतियां और भी बढती हुई नजर आ रही है। आदिवासी सीट सैलाना में भी जयस की ओर से कमलेश्वर डोडियार मैदान में मौजूद है। कमलेश्वर को आदिवासी युवाओं का तगडा समर्थन हासिल है। राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन है कि कमलेश्वर डोडियार की मौजूदगी ,कांग्रेस प्रत्याशी हर्षविजय गेहलोत गुड्डू के लिए कठिनाईयां बढाने वाली साबित हो सकती है।

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