Memorandum : मण्डी बोर्ड के आदेश से कृषि उपज मण्डियों के डेढ लाख हम्मालों और तुलावटियों के सामने बेरोजगारी का खतरा,मण्डी उपविधि में संशोधन की मांग
रतलाम,7 जुलाई (इ खबरटुडे)। मप्र. मण्डी बोर्ड द्वारा जारी किए गए एक आदेश के बाद प्रदेश की कृषि उपज मण्डियों में कार्यरत करीब डेढ लाख हम्मालों और तुलावटियों के बेरोजगार हो जाने का खतरा मण्डरा रहा है। मण्डी बोर्ड के आदेशको बदल कर मण्डी उपविधि में संशोधन को लेकर कृषि उपज मण्डी के पूर्व हम्माल तुलावाटी प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में हम्मालों और तुलाविटयों ने मण्डी सचिव को एक ज्ञापन सौंपा।
हम्माल तुलावटियों के पूर्व प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि म.प्र कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 के प्रावधानों के मुताबिक अब तक मण्डी में कार्यरत हम्मालों और तुलावटियों को कृषक की कृषि उपज के तौल के पश्चात पारिश्रमिक का भुगतान कृषक द्वारा किया जाता था। कई वर्षों से यही परम्परा चली आ रही थी। परन्तु मण्डी बोर्ड द्वारा अब कृषि उपज की तुलाई और हम्माली बडे तौल कांटे से किए जाने के निर्देश दिए गए है। बडे कांटे से तौल प्रारंभ होने के कारण प्रदेश के करीब डेढ लाख हम्मालों और तुलावटियों के सामने बेरोजगार होकर भूखों मरने का संकट आ गया है।
श्री भाटी ने बताया कि मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी उपविधि में संशोधन के लिए सुझाव मांगे गए है। मण्डी के हम्माल और तुलावटी चाहते है कि बडे तौल कांटे की हम्माली और तुलाई की दरों का नए सिरे से निर्धारण किया जाए,जिससे कि हम्मालों और तुलावटियों को उचित पारिश्रमिक प्राप्त हो सके और वे अपने परिवार का पालन पोषण ठीक से कर सके। मण्डी उपविधि में इस प्रकार के संशोधन की मांग को लेकर आज हम्मालों और तुलावटियों ने एक ज्ञापन मण्डी सचिव को सौंपा। इस मौके पर बडी संख्या में हम्माल और तुलावटी मौजूद थे।