November 23, 2024

Raag Ratlami Audio Clip : बीते हफ्ते में दो ही चीजें वायरल हुई,नया नवेला मंत्री दर्जा और चटखारेदार आडियो क्लिप/नई नियुक्ति ने बढाई फूल छाप की चुनौतियां

-तुषार कोठारी

रतलाम। बीता हफ्ता फूल छाप की सियासत के लिए भारी उठापटक वाला साबित हुआ। तालाब वाले इलाके के भैया को जिले की कमान तो नहीं मिली,लेकिन मंत्री दर्जा मिल गया। मंत्री दर्जा भी बडे वाला। हफ्ते में दो ही चीजें वायरल होती रही,भैया का बडा वाला मंत्री दर्जा और एक चटखारेदार आडियो क्लिप। अखबारों ने भी आडियो क्लिप की खबरें मसालेदार ढंग से छापी।

वैसे तो फूल छाप में किसी को कोई छोटा सा भी पद मिल जाता है,तो पूरा शहर बैनर होर्डिंग से पट जाता है। लेकिन उम्मीद के खिलाफ ना तो बैनर होर्डिंग नजर आए,ना किसी रैली की जानकारी सामने आई। लोगों ने अंदाजा लगाया कि शायद ये आडियो क्लिप का ही कमाल था कि ना तो होर्डिंग बैनर नजर आए,ना किसी रैली की तैयारी हुई। अलबत्ता मंत्री दर्जा पाए भैया अपने दमकते हुए चेेहरे के साथ फूल छाप वाले तमाम बडे नेताओं को धोक जरुर लगा आए।

बडे वाला मंत्री दर्जा भैया को दिलवा कर उनके इन्दौरी आका ने ये तो साफ कर दिया कि फूल छाप में उनका दम खम तगडा है। इसीलिए तमाम रतलामी नेताओं को दरकिनार करवाते हुए उन्होने अपने पट्ठे को मंत्री दर्जा दिलवा ही दिया। मंत्री दर्जा पाए भैया को भी अपनी भक्ति का फल आखिरकार मिल ही गया,भले ही वो छ: सात महीनों के लिए हो। मंत्री दर्जा चाहे एक दिन के लिए मिले,ये सियासत में बडी बात होती है और भैया को तो ये दर्जा छ: सात महीने के लिए मिला है।

फूल छाप की जिले की टीम में से केवल एक नेताजी अपनी नेता धर्मपत्नी जी के साथ भैया का स्वागत करने उनके घर पंहुचे। मंत्री दर्जा पाए भैया के साथ उनके फोटो भी सोशल मीडीया पर घूमते रहे। लेकिन उनके अलावा जिले की टीम का कोई नेता भैया का स्वागत करने नहीं पंहुचा। राजधानी से लौटने के बाद मंत्री दर्जा पाए नेता जी खुद ही तमाम वरिष्ठों से मिलने उनके घरों पर जा पंहुचे। जानकारों के मुताबिक वरिष्ठों के घर जाकर उनसे मिलने की नसीहत ऊपर वालो ने दी थी इसलिए भैया का जाना जरुरी था और इसीलिए उनको मन मारकर जाना पड़ा। पैलेस रोड से लेकर स्टेशन रोड तक के तमाम वरिष्ठ भैया से खासे नाराज है,लेकिन घर आए मेहमान का स्वागत करना परंपरा है,इसलिए सभी ने मन मारकर उनका स्वागत किया।

भैया ने पैलेस रोड वाली मुलाकात को तो सोशल मीडीया पर घुमाया,लेकिन स्टेशन रोड वाली मुलाकात का कहीं जिक्र नजर नहीं आया। सियासत पर नजर रखने वालों में से कुछ को लगा कि पैलेस रोड वाले वरिष्ठ ने शायद भैया को माफ कर दिया है और उनकी नाराजगी भी दूर हो गई है। लेकिन हकीकत इससे अलग है। पैलेस रोड वाले वरिष्ठ की नाराजगी जस की तस है। ये तो मंत्री दर्जा पाए भैया की स्मार्टनेस है कि उन्होने फोटो वायरल करके ये जताने की कोशिश की,कि नाराजगी खत्म हो गई है।

बहरहाल अपने इन्दौरी आका के आशिर्वाद से मंत्री दर्जा लेकर आए भैया के लिए आगे आने वाले वक्त में चुनौतियां कम होती नहीं दिखती। मंत्री दर्जा मिलते ही वायरल हुई आडियो क्लिप भोपाल से दिल्ली तक पंहुच गई। जिले के ऐसे माननीय जो तीन तीन चुनाव जीते है,उन्हे आज तक ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया और दो दो चुनाव जीते माननीय के पास भी ऐसा कोई दर्जा नहीं है। ऐसे में बेहद छुटभैये नेता को मंत्री दर्जा मिल जाना इन माननीयों के गुस्से को निश्चित तौर पर बढाने वाला साबित होगा। यही मंत्री दर्जा पाए भैया की लिए बडी चुनौती है।

वैसे फूल छाप के लिए भी आने वाले वक्त में चुनौतियां बढना तय है। एक छोटे नेता को बडा दर्जा दे दिए जाने से फूल छाप की आपसी कलह बढेगी। आने वाला वक्त चुनावों का वक्त है। ऐसे में फूल छाप की आपसी कलह निश्चित तौर पर नुकसानदायक होगी।

अभी बडा सवाल ये भी बाकी है कि वायरल हुई आडियो क्लिप,आडियो ही है या किसी विडीयो का हिस्सा है। सवाल ये भी है कि वायरल हुआ आडियो क्लिप क्या आखरी आडियो क्लिप है या अभी कुछ और वायरल होना बाकी है। अगर ऐसा हुआ तो ये भैया के लिए तो परेशानी बढाने वाला होगा ही,फूल छाप पार्टी को भी शर्मसार करने वाला साबित होगा।

कौन होगा जिले का मुखिया..?

शहर को मिले मंत्री दर्जे की खबर के बाद अब फूल छाप पार्टी में फिर से वही सवाल खडा हो गया है कि जिले की कमान किसे मिलने वाली है? एक दावेदार तो कम हो ही गया है। अब जो दावेदार बचे है,उन्हे उम्मीद है कि उनका दांव लग जाएगा। जिले की टीम के दो नम्बर और तीन नम्बर वाले नेता नए सिरे से जोर आजमाईश में जुट गए है। फूल छाप वालों का अन्दाजा है कि मुखिया का नाम अब जल्दी ही घोषित कर दिया जाएगा। जब तक नाम सामने नहीं आता तब तक तो इन्तजार ही करना होगा।

पेड,पंजा पार्टी और प्रचार

सियासती अखाडे में वैसे तो पंजा पार्टी आजकल बेहद कमजोर है। लेकिन पंजा पार्टी वाले भैया किसी ना किसी तरह से पंजा पार्टी को चर्चा में लाने की कोशिश करते ही रहते है। अबकी बार उन्होने पेडों के सहारे पंजा पार्टी को प्रचारित करवा दिया। नगर निगम के सामने बन रहे गोल्ड काम्प्लेक्स के लिए पेड काटना जरुरी था। गोल्ड काम्प्लेक्स का काम पूरी तरह लोहे की दीवारों के पीछे किया जा रहा है। पूरे इलाके को चारो तरफ से टीन शेड लगाकर ढंक दिया गया है ताकि उनके पीेछे होने वाले काम किसी को नजर ना आ सके। पेड भी इसी तरह काटे जा रहे थे। लेकिन पंजा पार्टी वालों ने इस पर पूरी नजर लगा रखी थी। जैसे ही नगर निगम वाले पेड काटने पंहुचे,पंजा पार्टी ने हंगामा खडा कर दिया। इतना ही नहीं पंजा पार्टी ने एक कदम आगे बढ़ कर शहर वाले माननीय का पुतले भी फूंक डाला। हांलाकि हंगामे के बावजूद पेड कट गए,लेकिन सियासती अखाडे में पंजा पार्टी की हाजरी जरुर लग गई। ये तय है कि अगर पंजा पार्टी इसी तरह शहर के मामलों में अपनी हाजरी लगाती रही,तो उनकी हालत में सुधार जरुर होगा।

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