उज्जैन में जल संकट गहराने की स्थिति को देखते हुए 23 अप्रेल से एक दिन छोड़कर जलप्रदाय
उज्जैन,20 अप्रैल(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। उज्जैन नगर में जल संकट गहराने की स्थिति को देखते हुए नगर सरकार एवं उसके प्रशासन ने एहतियाती कदम उठा लिया है।शहर में 23 अप्रेल से एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय महापौर मुकेश टटवाल की परिषद ने गुरूवार को लिया है।नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में जल संकट से निपटने पर विचार किया गया है।शहर में पेयजल सप्लाय के एक मात्र मुख्य स्त्रोत गंभीर डेम में मात्र 674 एमसीएफटी पानी शेष बचा है जिसे जून अंत तक चलाना है।
गुरूवार को महापौर परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि 23 अप्रैल से शहर में एक दिन छोड़कर पेयजल दिया जाएगा। एक दिन में ही पूरे शहर में भरपूर पानी दिया जाएगा। दूसरे दिन पेयजल सप्लाई पूरी तरह बंद रहेगी। बैठक में जल संकट को लेकर मंथन करते हुए शहर के टयूब वेल,हेंडपंप ,कुए, बावडी एवं हाई डेंट को सूचारू करने के लिए योजना बद्ध तैयारी करने के लिए कहा गया है। बैठक में निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह ने बताया कि जल संकट नहीं है यह एहतियाती कदम उठाया जा रहा है जिससे कि गर्मी में नागरिकों को पर्याप्त पानी मिले और पानी का अपव्यय न हो। महापौर टटवाल ने कहा है कि लोग घबराए नहीं यह संकट से बचने की तैयारी है। नागरिकों को पर्याप्त पानी एक ही दिन में दिया जाएगा। अन्य पेयजल स्त्रोत भी खुले रहेंगे वहां भी व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर सूचारू किया जाएगा।
गंभीर में मात्र 674 एमसीएफटी पानी शेष-
नगर निगम पीएचई विभाग गंभीर डेम से पानी लेकर उससे शहर की 42 टंकियां भरता है। इन टंकियों से नागरिकों के घर तक पानी पहुंचता है। सहायक यंत्री एवं गंभीर डेम के प्रभारी एस के लाड के अनुसार डेम की कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी की है।वर्तमान में डेम में कुल 674 एमसीएफटी पानी बचा है।नदी के कई हिस्सों में बडे पोखरनुमा क्षेत्र में भरे पानी को चैनल कटिंग कर इंटकवेल तक लाया जा रहा है। प्रति सप्लाय के लिए हमें 42 टंकियों को भरने के लिए 4.5 एमसीएफटी पानी की जरूरत होती है जबकि हमारी खपत 7.5 एमसीएफटी सामने आ रही है।करीब तीन एमसीएफटी पानी सीपेज,वाष्पीकरण एवं अन्य लासेस में जा रहा है।