Fraud Case : एक ही जमीन को बेचने के लिए तीन अलग अलग लोगों से एग्रीमेंट करने पर छ: लोगों के खिलाफ धोखाधडी का प्रकरण दर्ज
रतलाम,24 फरवरी (इ खबरटुडे)। अमृत सागर के पास स्थित जमीन को बेचने के लिए एक व्यक्ति के साथ अनुबन्ध करने के बाद उसी जमीन को दो अन्य लोगों को विक्रय करने का अनुबन्ध करने के मामले में न्यायालय ने छ: व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधडी का प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किए गए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवादी भारत कुमार शर्मा ने वर्ष 2004 में तेजू उर्फ तेजपाल प्रजापति से अमृत सागर तालाब के पास सर्वे क्र.626 की कुल 15 हजार वर्ग फीट जमीन खरीदने का अनुबन्ध किया था और इसके एवज में तेजू प्रजापति को तीन लाख रु. का भुगतान किया था। इस जमीन को लेकर इन्दौर हाइकोर्ट में एक प्रकरण विचाराधीन था,इसलिए अनुबन्ध में यह सर्थ रखी गई थी कि जमीन का विक्रय अनुबन्ध तभी संपादित किया जाएगा जब यह विचाराधीन प्रकरण निराकृत हो जाएगा और भूमि का नामांतरण हो जाएगा।
इसके बाद वर्ष 2004 में किए गए अनुबन्ध को वर्ष 2015 में नवीनीकृत किया गया। इसी वर्ष तेजू उर्फ तेजपाल की मृत्यु हो गई। तेजपाल की मृत्यु के बाद उसके विधिक उत्तराधिकारी सपना,टीनू,मंजू,पूजा,पिंकी और मोनिका ने सर्वे क्र 626 की शेष 70 हजार वर्गफीट भूमि के विक्रय का अनुबंध परिवादी की पुत्री सुरभि के पक्ष में किया और इस अनुबन्ध के बदले 15 लाख रु. भी परिवादी से प्राप्त किए थे। इसके अलावा स्व. तेजपाल के विधिक उत्तराधिकरियों ने वर्ष 2017 में परिवादी भारत कुमार शर्मा से एक नया अनुबन्ध संपादित किया।
परिवादी भारत कुमार शर्मा से सर्वे क्र. 626 की भूमि के विक्रय का अनुबन्ध अस्तिव में रहते हुए,तेजपाल के विधिक उत्तराधिकारियों ने वर्ष 2018 में एक अन्य व्यक्ति से इसी भूमि के विक्रय का अनुबन्ध कर लिया। जबकि वे जानते थे,कि उक्त भूमि के विक्रय का अनुबन्ध वे पहले ही परिवादी भारत कुमार शर्मा से कर चुके है और वह अनुबन्ध अस्तित्व में है। इतना ही नहीं अनावेदक गण ने वर्ष 2019 में इसी भूमि के विक्रय का अनुबन्ध एक तीसरे व्यक्ति से भी कर लिया।
भूमि के विक्रय हेतु एक अनुबन्ध अस्तित्व में रहते हुए दो अन्य व्यक्तियों से भूमि विक्रय का अनुबन्ध किए जाने की जानकारी जब परिवादी भारत कुमार शर्मा को मिली तो उन्होने जिला न्यायालय के षष्टम व्यवहार न्यायाधीश डीपी सूत्रकार के न्यायालय में अपने अभिभाषक अनुभव उपाध्याय के माध्यम से अनावेदक गण के विरुद्ध धोखाधडी और जालसाजी करने का आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए एक निजी परिवाद दायर किया।
विद्वान न्यायाधीश डीपी सूत्रकार ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और साक्षियों के परीक्षण उपरान्त अनावेदक गण सपना,टीनू,मंजू,पूजा,पिंकी,और मोनिका के विरुद्ध भादवि की धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीबद्द करने का आदेश प्रदान किया। विद्वान न्यायाधीश ने समस्त अभियुक्तगणों के खिलाफ जमानती वारन्ट भी जारी किया है।