November 18, 2024

स्वामी विवेकानंद जयंती पखवाड़े के तहत जन अभियान परिषद द्वारा जिला स्तरीय व्याख्यानमाला आयोजित

रतलाम ,29 जनवरी (इ खबरटुडे)। मप्र जन अभियान परिषद द्वारा स्वामी विवेकानंदजी की 159 वी जयंती पखवाडें के अंतर्गत जिला स्तरीय व्याख्यानमाला कार्यक्रम का आयोजन विधि महाविधालय रतलाम में आयोजित किया गया। अतिथियों के द्वारा भारत माता व स्‍वामी विवेकानंद माल्‍यार्पण कर दीप प्रज्‍जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, महर्षि पतंजलि संस्कृत सस्थान के अध्‍यक्ष व योग आयोग के उपाध्‍यक्ष भरत बैरागी, विशेष अतिथि एमआईडीएच कमेटी सदस्‍य अशोक पाटीदार थे। अध्‍यक्षता पद्मश्री समाजसेवी सुश्री लीला जोशी द्वारा की गई। इस अवसर पर प्रदेश संयोजक युवा प्रकोष्ठ गायत्री परिवार विवेक चौधरी, परिषद के संभाग समन्‍वयक शिवप्रसाद मालवीय, मानव सेवा समिति अध्‍यक्ष मोहन मुरलीवाला, समाजसेवी मनोहर पोरवाल, पर्यावरणविद खुशालसिंह पुरोहित, स्‍वयंसेवी प्रकोष्‍ठ के जिला संयोजक राजेश रांका आदि उपस्थित थे।

विभाष उपाध्याय ने कहा कि स्वामीजी कहते थे उठो जागों और लक्ष्‍य को प्राप्‍त करें। युवा वो होता है, जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है। हर इंसान को कभी ना कभी अकेले ही शुरूआत करनी होती है, इसलिए किसी भी काम को करने से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपकी नियत साफ, इरादे स्पष्ट और हौसले बुलंद होते हैं, तो आपके साथ अपने आप ही लोग जुड़ने लगते हैं। भारत में अनेक उतार चढ़ाव आयें फिर भी हम चेतना के कारण डटे थे। चाइना के लोग चाइनीज बोलते है, अमेरिका के लोग अंग्रेजी बोलते है तो हम भारतीयों को संस्कृत और हिन्दी बोलनें में गर्व महसूस करना चाहिए। स्वामीजी ने कहा मुझे गर्व है कि मैं ऐसे देश से हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता औऱ सार्वभौमिक स्वीकृति का ज्ञान दिया।

संस्‍कृत संस्‍थान के अध्‍यक्ष भरत बैरागी ने कहा कि उठो, जागो और रुको नही जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नही कर लेते। उनका मानना था कि जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी। स्वामीजी बनने के लिए समर्पण करना पड़ता है। ऐसे महापुरुषों के आयोजन के लिए जिला जन अभियान की टीम को साधुवाद देता हूं। ऐसे आयोजन से नागरिको को महापुरुषों को जानने का मौका मिलता है।

अशोक पाटीदार ने कहा कि जिस तरह अलग-अलग स्त्रोतों से निकली विभिन्न नदियां अंत में समुद्र में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है। वे रास्ते देखने में भले ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सभी लक्ष्‍य तक ही जाते हैं। इस सिध्दांत का प्रमाण है कि जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। स्वामीजी को समझना है तो उन्हें पढ़िए भारत को समझना चाहते है तो रामकृष्ण को पढ़िए।

परिषद के संभाग समन्यक शिवप्रसाद मालवीय ने कहा कि विवेकानंद पर वेदांत दर्शन, बुध्द के आष्टांगिक मार्ग और गीता के कर्मवाद का गहरा प्रभाव पड़ा। स्‍वामी विवेकांनद युवाओं के प्रेरणा स्‍त्रोत है। सुश्री लीला जोशी ने कहा कि स्‍वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर हर समाजसेवी को सेवा के कार्यो का लक्ष्‍य लेना चाहिए और उनकों पूर्ण करना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में जवाहर मलखंब ग्रुप के जितेन्‍द्र राणावत व टीम के द्वारा योग की प्रस्‍तुति दी गई। नवांकुर संस्‍थाओं की त्रैमासिक समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई। स्‍वागत भाषण परिषद के जिला समन्‍वयक रत्‍नेश विजयवर्गीय के द्वारा दिया गया। आभार विकासखण्‍ड समन्‍वयक निर्मल अमलियार के द्वारा व्‍यक्‍त किया गया। कार्यक्रम का संचालन अंजु सूर्यवंशी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ठ सेवाओ के लिए प्रमाण पत्र देकर अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। सामूहिक वंदेमातरम का गायन भी किया गया।

कार्यक्रम में परिषद के विकासखण्‍ड समन्‍वयक निर्मल अमलियार, युवराज सिंह पंवार, शैलेन्‍द्र सिंह सोंलकी, रतनलाल चरपोटा, लेखापाल महावीर दास बैरागी, विजेयश राठौड तथा नवांकुर, प्रस्‍फुटन, सीएमसीएलडीपी छात्र-छात्राएं, समाजसेवी, स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं के प्रतिनिधि आदि उपस्थि‍त रहे।

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