Bank Fraud : चेक का क्लोन बनाकर दो बैंक शाखा से ठगे 11.70 लाख ,दो आरोपी चार दिन की रिमांड पर
उज्जैन,28 दिसंबर(इ खबर टुडे / ब्रजेश परमार )। चेक का क्लोन बनाकर उससे पैसा निकालने के मामले में माधवनगर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा है।आरोपियों ने थाना क्षेत्र के सेठी नगर एवं इंदिरा नगर की स्थित बैंक आफ इंडिया शाखाओं से तीन अलग-अलग खातों से क्लोन चेक से 11.70 लाख रुपए निकाल लिए थे।आरोपी कंचन पिता प्रतापसिंह निवासी हाथरस मथुरा एवं राहुल पिता दिलीप राठौर निवासी मक्सीरोड़ उज्जैन को पकड़ कर उनसे 4.60 लाख रूपए बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी फरार है।न्यायालय ने आरोपियों को 4दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा है।
बैंक ऑफ इंडिया की सेठी नगर ब्रांच में रेणी चाको और पुलिस कर्मी रमेश तोमर का खाता है। माधवनगर थाना प्रभारी मनीष लोधा के अनुसार 13 दिसंबर को रमेश तोमर के खाते से नकली चेक के माध्यम से 1 लाख रुपए निकाले गए। इन पैसों को नकली चेक के ही माध्यम से रेणी चाको के खाते में जमा किया गया। इसके बाद रेणी चाको के खाते से 4 लाख 60 हजार रुपए निकाले गए। इस दौरान दोनों ही ग्राहकों को न तो एसएमएस आऐ न ही बैंक से कोई काल किया गया।जानकारी लगने पर पुलिस कर्मी तोमर ने इसकी शिकायत बैंक में की थी।
इसी प्रकार बैंक ऑफ इंडिया की इंदिरानगर शाखा में पुष्पा गुप्ता का भी खाता है। 13 दिसंबर को ही उनके खाते से भी नकली चेक के माध्यम से 7.10 लाख रुपए निकाल लिए। उन्हें इसकी जानकारी लगने पर उन्होंनेा भी इसकी शिकायत बैंक को की थी। तीनों ही ग्राहकों को इसकी जानकारी बैंक जाने पर ही लगी। बैंक में जानकारी लेने पर ग्राहकों को कहा गया कि आपने चेक दिया है। यहां तक कि ग्राहकों को दिया गया चेक भी बताया गया।ग्राहकों के चेक देने से इंकार करने पर मामला बैंक प्रबंधन को साफ हो सका। बैंक आफ इंडिया के दोनों शाखा मैनेजर ने संबंधित थानों में इसकी शिकायत दर्ज की। सेठीनगर ब्रांच मैनेजर की शिकायत पर माधवनगर थाना पुलिस ने एवं इंदिरा नगर शाखा मैनेजर की शिकायत पर चिमनगंज थाने में क्लोन चेक से बैंकों से ठगी का प्रकरण दर्ज किया गया था।
टीआई मनीष लोधा के अनुसार जांच में बैंक के सीसीटीवी फुटेज देखने पर मक्सीरोड निवासी राहुल पिता दिलीप 30 वर्ष का युवक रुपए निकालते दिखा।उसे पकड कर पूछताछ में उसने कंचन पिता प्रतापसिंह 60 निवासी हाथरस का नाम बताया जिसने उसे चेक बैंक में जमा करने के लिए दिया था। पुलिस ने राहुल के माध्यम से तीसरा चेक लगाने के लिए कंचन को बुला कर पकड़ा। प्रारंभिक जानकारी में आरोपियों ने बताया कि गिरोह का सरगना उत्तरप्रदेश के मथुरा का रहने वाला चेतन है।वह मथुरा से बैठकर इस पूरे ठगी का संचालन करता है। उसी ने कंचन को 50 हजार वेतन पर रखा था। कंचन का काम स्थानीय लडकों को नौकरी पर रखकर बैंकों से चेक लगाने एवं रूपए निकालने का काम करवाना था। राहुल को भी 14 हजार के वेतन में रखा गया था। पूरे मामले में खास बात यह है कि क्लोन चेक हुबहु वास्तविक चेक जैसा ही है। उस पर ग्राहक का नाम सिग्नेचर के साथ ही चेक की कूट संख्या भी ग्राहक को जारी चेक की ही है।ऐसे में बैंकिंग सिस्टम पर सवाल खड़ा हो रहा है।पुलिस की जांच में बैंकिंग सिस्टम के कंप्रामाईज जैसे मुददे भी शामिल रहेंगे।पुलिस के सामने यह बड़ा सवाल आ रहा है कि युपी में बैठा गैंग का सरगना बैंक के ग्राहक ,उसके खाता,उसकी चेक बुक,उसकी कुटसंख्या के साथ ही हस्ताक्षर की जानकारी कैसे रख रहा है।
इनका कहना है
-पुलिस ने गैंग के दो आरोपियों को पकड़ा है।न्यायालय से हमें चार दिन का रिमांड मिला है।पूछताछ की जाएगी।गैंग या आर्गनाईज गैंग को चेक किया जा रहा है।
-सत्येन्द्र कुमार शुक्ल,एसएसपी,उज्जैन