11 क्विंटल फूल-गुलाल से महाकाल में होली
महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए भक्तों ने 10वें वर्ष खेली होली
उज्जैन, 7 मार्च (इ खबरटुडे)। भूतभावन भगवान श्री महाकालेश्वर के दरबार में गुरुवार को सबसे पहले होली की रंगत बिखरी। 11 क्विंटल फूल-गुलाल से महाकाल गर्भगृह और नंदीगृह में जोरदार गुलाल और फूलों का रंग बिखरा। इससे पहले मंदिर परिसर में होलिका का दहन परम्परागत रुप से किया गया। शास्त्रोक्त मंत्रों के उच्चारण के साथ शासकीय पुजारी ने विधि-विधान से होलिका दहन करवाया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में बाबा औंकारेश्वर के समक्ष लकड़ी और कण्डे की होलिका का दहन किया गया। शासकीय पुजारी पं. घनश्याम पुजारी ने होलिका दहन के लिए पूजन-अर्चन करवाते हुए मंत्रो उच्चारण के साथ इस होलिका दहन को करवाया। इस अवसर पर पं. प्रदीप गुरु, महेश पुजारी, आशीष पुजारी सहित अन्य पण्डे-पुजारी और पुरोहित उपस्थित थे। होलिका दहन के उपरांत गर्भगृह में भगवान श्री महाकालेश्वर के साथ पुष्प और गुलाल की होली खेली गई। नंदी हॉल में भी यही क्रम चलता रहा। तड़के भस्मारती में भी पुष्प, गुलाल और टेसू के फूलों के रंग भगवान को अर्पित किए जाएंगे। गुरुवार को करीब पौन घंटे तक होलिका का रंग मंदिर में जोरदार तरीके से बिखरा था।
बाबा का श्रृंगार किया और 10वें वर्ष मनाई होली
गुरुवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ से केशव मालेराव एवं भक्त मण्डली निरंतर 10वें वर्ष बाबा श्री महाकालेश्वर के साथ होली खेलने आए। उन्होंने अपराह्न के समय भांग और सूखे मेवे से बाबा श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार करवाया। इसके बाद 10 क्विंटल गुलाब, मोगरा, गेंदा और एक क्विंटल प्राकृतिक गुलाल से मंदिर के गर्भगृह में भगवान और नंदीगृह में भक्तों के साथ होली के रंग का आनंद लिया। यही नहीं नांदेड़ से आए भक्त भगवान महाकालेश्वर के लिए जरी के वस्त्र लेकर आए थे। साथ ही माता पार्वती भगवान श्री गणेश, श्री कार्तिकेय व नंदी जी को उन्होंने वस्त्र धारण करवाए। होली रंगों के पश्चात मंदिर प्रांगण में पुजारी दिलीप गुरु ने 11 क्विंटल ठण्डाई का वितरण करवाया।