मुख्यमंत्री के लिए बना नया नारा “मामा अभी जिंदा है मजदूरों का घर तोड़ने के लिए”
उज्जैन ,06 दिसम्बर(इ खबरटुडे /चंद्र मोहन भगत)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान जिंदा भी है अभी मुख्यमंत्री भी है झूठे वादे कर मजदूरों को बेघर करने के लिए । मामा शिवराज सिंह वाहवाही बटोरने के लिए मैं कभी पीछे नहीं रहते। ऐसे बहुत से सरकारी वीडियो जारी जारी हुए हैं। ऐसा ही एक वीडियो राजस्व विभाग के जरिए जारी किया गया था । जिसमें बड़े ही भावुक अंदाज में मामा शिवराज ने दावा किया था कि मेरा संकल्प है कि प्रदेश में कोई भी सर्वहारा गरीब मजदूर का अपना जमीन का टुकड़ा होगा उसकी अपनी छत होगी। साथ ही यह भी कि इसके लिए मैंने 31 हेक्टेयर भूमि भी सुरक्षित रखी है।
कुछ ऐसे ही महाकाल की नगर में बार-बार के दोरों में विनोद मिलकर मजदूर बस्ती के रहवासियों को भी हर बार वायदा करते रहे थे कि आप सभी को बेघर नहीं किया जाएगा । रहवासी भरोसे में रहे कि प्रदेश का मुख्यमंत्री जगत मामा शिवराज सिंह कह रहै है तो सही होगा। इधर पूर्व मंत्री विधायक सांसद भी रह वासियों को आश्वस्त करते रहे कि आप सभी को भूखंड देकर बसाया जाएगा उसके बाद ही बिनोद मिल की जमीन बेची जाएगी । इधर विनोद मिल की जमीन का कई हिस्सों में परिसमापक द्वारा विक्रय किया जाने लगा इसी में रहवासी क्षेत्र भी बेचा गया । इसके बिकते ही प्रशासन ने बस्ती के रहवासियों पर आवास खाली करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया । इस दौरान रहवासी पारस जैन सांसद अनिल फिरोजिया मंत्री मोहन यादव से मिलते रहे। सभी इन्हें आश्वासन देते रहेंगे फिर धीरे-धीरे सभी के सुर बदल गए । तभी सभी रह वासियों को आभास होने लगा था कि जैन फिरोजिया यादव बिल्डर की भाषा बोल रहे हैं । इन जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत तब स्पष्ट उजागर हो गई जब प्रशासन ने 12 घंटे में आवास खाली करने की मुनादी कराई और तब से ही इन सभी वदाकार नेताओं के फोन रेंज से बाहर आने लगे ।
जब कोई विधायक सांसद इनके आवास बचाने को तैयार नहीं हुआ तो कड़ाके की ठंडी रात में ही रह वासियों ने आवास खाली करना शुरू कर दिया था । उपरोक्त सभी आवास 100 साल पुराने होने के कारण जर्जर भी हो चुके थे अतः ध्वस्त होने में देर नहीं लगी । इस कार्रवाई के चलते भाजपाई तो कुछ बोले ही नहीं कांग्रेसियों ने भी मुंह दिखाई कर डाली टूटने नहीं देंगे पर अलसुबह टूटने से बचाने कोई नहीं आया। 100 साल पुरानी बिनोद मिल पूरे शहर के एक चौथाई रहवासियों को पालने वाले उद्योग के कर्मचारियों की हालत देखकर सभी नागरिक भी अचंभित थे दुःखी भी थे। सभी की प्रतिक्रिया थी कि जब पंचायते पट्टे बांट सकती है तो खुद प्रदेश का मुख्यमंत्री सार्वजनिक वादा करने के बाद कैसे मुकर सकता है । पर अब तो मुकर गया और भूल भी गया। 170 परिवार को बेघर कर लावारिश छोड़ दिया है । इस एक बिनोद मिल की मजदूर बस्ती उजाड़ने के बाद मामा शिवराजसिंह चौहान के लिए नया नारा उपज गया है कि मामा अभी जिंदा है मजदूरों को बेघर करने के लिए । इसे प्रशासन ने चरितार्थ भी कर दिखाया है ।