Narendra Saluja : कांग्रेस को झटका, भारत जोड़ो यात्रा के बीच कमलनाथ के करीबी नरेंद्र सलूजा BJP में शामिल
भोपाल,25 नवंबर ( इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच बीजेपी ने कमलनाथ के करीबी और मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेंद्र सलूजा बीजेपी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नरेंद्र सलूजा का बीजेपी की सदस्यता दिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इंदौर खालसा कॉलेज सम्मान विवाद के चलते नरेंद्र सलूजा को सभी पदों से हटा दिया था।
भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर शुक्रवार को नरेंद्र सलूजा को बीजेपी का पटका पहनाकर बीजेपी में शामिल किया गया। इस अवसर नरेंद्र सलूजा ने कहा कि इंदौर खालसा कॉलेज में हुए घटनाक्रम के बाद 84 दंगो का सच जो सामने आया। उसके बाद मेरा मन व्यथित हुआ। में जिस धर्म मे आस्था रखता हूं उस धर्म के मेरे लोगो की हत्या के आरोपियों के सच ने मेरी आंखें खोल दी। में ऐसे संघटन के साथ कार्य नही कर सकता। खालसा कॉलेज घटनाक्रम के बाद मैंने कांग्रेस की कोई पोस्ट नही की। न राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुआ। मैं एक कार्यकता के रूप में बीजेपी में शामिल हुआ हूं। बीजेपी जो जिम्मेदारी देगी उसे जी जान से निभाऊंगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सलूजा जी चिंतक है। बहुत अच्छी सोच रखने वाले हैं। भाजपा एक वैभवशाली गौरवशाली देश का निर्माण करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में काम कर रही है। नरेन्द्र सलूजा जी के आने से भाजपा को मजबूती मिलेगी,बहुत बल मिलेगा। ऐसा नेता जो अपने तर्कों और तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखते हैं। भाजपा परिवार की ओर से उनका ह्रदय से स्वागत है
इंदौर खालसा कॉलेज विवाद के चलते राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पड़ाव भी बदलना पड़ा है। पहले राहुल गांधी की यात्रा खालसा कॉलेज स्टेडियम में ठहरने वाली थी, लेकिन इस विवाद के बाद स्थल बदलकर चिमनबाग मैदान कर दिया गया। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित का कहना है कि नरेंद्र सलूजा इतना बड़ा नाम नहीं है। निजी तौर पर उनकी कोई राजनीतिक पहचान नहीं है। वही कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं है। उनको कमलनाथ ने अपना मीडिया समन्वयक बनाकर नाम दिया। मध्य प्रदेश में सिखों का नेतृत्व तनवंत सिंह कीर करते थे। अब प्रदेश के कई शहरों में सिख आबादी है, लेकिन वह किसी सीट को प्रभावित कर दें ऐसी स्थिति में नहीं है। इसलिए साफ है कि यह सिर्फ बीजेपी की राहुल की यात्रा का प्रभाव कम करने की रणनीति का हिस्सा है।