Due ammount : जिला पंचायत में की गई लाइट फिटिंग की बकाया राशि पाने के लिए तीन साल से दर दर भटकने को मजबूर है इलैक्ट्रिशियन,तमाम अफसरों से लगाई गुहार
रतलाम,23 नवंबर (इ खबरटुडे)। जिला पंचायत के अफसरों ने करीब तीन साल पहले जिला पंचायत भवन और अधिकारियों के बंगलों पर लाइट फिटिंग और मेन्टनेन्स के हजारों रु. के काम इलैक्ट्रिशियन से करवा लिए,लेकिन भुगतान करने को कोई तैयार नहीं है। अधिकारियों के मौखिक निर्देश पर हजारों रुपए का काम करने के बाद अब इलैक्ट्रिशियन अपनी मेहनत की कमाई हासिल करने के लिए दर दर भटकने को मजबूर है,लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इलैक्ट्रिशियन ने अब अपनी रकम पाने के लिए कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई है।
यह मामला है जिला पंचायत में पिछले कई वर्षों से इलैक्ट्रिक मैन्टनेन्स और फिटिंग का काम करने वाले इलैक्ट्रिशियन प्रदीप जैन की। जिला पंचायत के अधिकारी जरुरत पडने पर फोन से श्री जैन को बुलवाते थे और लाइट से सम्बन्धित काम करवा लेते थे। बाद में बिल प्रस्तुत करने पर बिल का भुगतान भी कर दिया जाता था। वर्ष 2018 में तत्कालीन सीइओ सोमेश मिश्रा के कार्यकाल के दौरान जिला पंचायत भवन और सीईओ बंगले पर इलैक्ट्रिक सम्बन्धी कई काम करवाए गए । इसके बाद तत्कालीन सीईओ संदीप केरकेïट्टा के कार्यकाल में भी उनके बंगले पर इलैक्ट्रिक फिटिंग और मेन्टनेन्स के कई काम करवाए गए। इसके बाद जिला पंचायत भवन में वैटिंग रुम और स्टेनो रुम शिफ्ट करने के लिए नई लाइट फिटिंग करवाई गई। ये सारे काम जिला पंचायत के अधिकारियों जैसे जनपद पंचायत के इंजीनियर निगम साहब,सत्येन्द्र यादव आदि के मौखिक निर्देश पर किए गए थे। जिला पंचायत के दोनो पूर्व सीईओ सोमेश मिश्रा और संदीप केरकेïट्टा तो स्थानान्तरण होने पर रतलाम से चले गए,लेकिन वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को इलैक्ट्रिक कामों की राशि का भुगतान करने के निर्देश दे गए थे।
इलैक्ट्रिक कामों की कुल राशि 68 हजार रु. से अधिक हो चुकी थी। लेकिन अधिकारियों के स्थानान्तरण के बाद अब उनके अधीनस्थ अधिकारी इलैक्ट्रिशियन की राशि देने को तैयार नहीं है। इलैक्ट््िरशियन प्रदीप जैन ने जब जब अपनी राशि की मांग की,अधिकारी उनसे लिखित आदेश दिखाने को कहते है,जबकि वे स्वयं जानते है कि सारे काम मौखिक निर्देश पर करवाए गए थे। इलैक्ट्र्ििशयन श्री जैन ने अधिकारियों के निर्देश पर हजारों रुपए की बिजली सामग्र्री जिला पंचायत भवन और बंगलों पर लगा दी,लेकिन अब अधिकारी राशि देने को तैयार नहीं है। अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए इलैक्ट््िरशियन प्रदीप जैन दर दर भटकने को मजबूर है। उन्होने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री से लगाकर कलेक्टर तक सभी को की है। उन्हे उम्मीद है कि कोई ना कोई तो उन्हे न्याय दिलवाएगा।