December 25, 2024

Murder : बैतूल के बदमाश की हत्या दो लाख रुपये की सुपारी देकर बहन ने प्रेमी से करवाई

murder

उज्जैन,17अक्टूबर(इ खबर टुडे/बृजेश परमार)। माकड़ोन के समीप ग्राम चिरडी के जंगल में शुक्रवार को पुलिस को एक युवक का शव मिला था। सोमवार को पुलिस ने मामले का सनसनीखेज पर्दाफाश किया है। मृतक माता-पिता और बहन के साथ मारपीट करता था। इसलिए उसकी छोटी बहन ने अपने प्रेमी को दो लाख रूपए की सुपारी देकर भाई की हत्या करवाई। शव को पेट्रोल डालकर जलाने की योजना थी, मगर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण शव झाड़ियों में फेंक दिया गया था।

एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि शुक्रवार को रूपाखेड़ी के चिरडी के पास स्थित एक व्यक्ति का शव झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला था। मृतक के सिर पर चोट के निशान मिले थे। पीठ पर भी घसीटने के निशान मिले थे। थोड़ी दूरी पर ही एक कार भी पुलिस को मिली थी। मृतक की शिनाख्त प्रशांत उर्फ मोनू वर्मा निवासी मुर्गी चौक बैतूल के रूप में हुई थी। पुलिस को पता चला कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक कार रात को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। कार पुलिसकर्मी गुलाबसिंह राजपूत की है तथा उसमें उसका पुत्र दीपक उर्फ दिलीप निवासी ग्राम ढाबला राजपूत सवार था। इस आधार पर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दिलीप घर नहीं पहुंचा था।पुलिस ने दिलीप को हिरासत में लिया तो पता चला कि उसने अपने दोस्त अखिलेश चौहान निवासी ऋषिनगर, ऋषि सिसौदिया निवासी ऋषिनगर, छोटू उर्फ शरद निवासी गोल्डी मोहल्ला बैतुल के साथ मिलकर मोनू की हत्या की थी। इस पर पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अखिलेश ने कुबूला की उसने अपनी महिला मित्र व मृतक मोनू की बहन प्रिया उर्फ मिक्की निवासी बैतुल के कहने पर मोनू को मौत के घाट उतारा था।

पुलिस ने प्रिया को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि वह इंदौर में रहकर निजी कंपनी ने नौकरी करती है। अखिलेश से उसकी दोस्ती कोविड के दौरान हुई थी। अखिलेश माधवनगर अस्पताल उज्जैन में आक्सीजन प्लांट का प्रभारी था। बड़ा भाई मोनू शराब पीने का आदी था। उसके खिलाफ बैतुल में आठ केस दर्ज हैं। वह आए दिन मां-बाप व उसे रुपये के लिए मारपीट करता था। नवरात्र में वह बैतुल गई तो वहां पर उसके भाई ने मारपीट की थी। वह अपनी सहेली के यहां रहने चली गई थी। मां ने भी बताया था कि मोनू ने मां-बाप दोनों को पीटा था। उसी दौरान उसने भाई को रास्ते से हटाने की योजना बना ली थी। प्रिया ने अपनी परेशानी प्रेमी अखिलेश को बताई तो उसने कहा था कि उसके कुछ दोस्त ऐसे हैं जो रुपये लेकर हत्या करते है। दो लाख रुपये में हत्या करना तय किया गया था। इसके एवज में प्रिया ने अखिलेश को 55 हजार रुपये भी दे दिए थे।प्रिया ने अपने प्लान में भाई मोनू के दोस्त छोटू उर्फ शरद को भी शामिल कर लिया था। छोटू ही उसे महाकाल दर्शन करने का बहाना बनाकर उज्जैन लाया था।

13 अक्टूबर की रात को तय षडयंत्र के अनुसार अखिलेश अपने साथियों के साथ शांति पैलेस चौराहे पर पहुंचा और मोनू तथा छोटू को कार में बैठाया था। सभी शराब पीते हुए कार में जा रहे थे। उसी दौरान आरोपितों ने मोनू का गला सर्जिकल ब्लेड से काट दिया। जब वह बेसुध हो गया तो रास्ते से पेट्रोल खरीदकर सुनसान इलाके में शव को जलाकर ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी। ग्राम ढाबला के समीप शराब के नशे के कारण कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस पर आसपास के ग्रामीण जुटने लगे। आरोपितों ने बेसुध मोनू को कार से निकालकर झाड़ियों में फेंका और हथौड़ी, जैक से सिर पर वार किए। इसके बाद कार को धकेलकर वहां से करीब आधा किलोमीटर दूर खड़ा कर दिया था

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