October 11, 2024

प्रदेश केबिनेट के “महाकाल लोक” नामकरण पर कांग्रेस को बडी आपत्ति/ नाम बदलकर स्कंद पुराण का अपमान किया कैबिनेट ने, पुराणों से विपरीत छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी– कांग्रेस

उज्जैन,27सितंबर(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक यहां उज्जैन में संपन्न हुई जिसमें महाकाल कॉरिडोर को लेकर निर्णय हुआ कि उसका नाम महाकाल लोक रखा जाएगा। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने इस निर्णय पर गहरी आपत्ति जताई है और माना है कि मध्यप्रदेश कैबिनेट ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए पुराणों का अपमान किया है ।

कांग्रेस की और से कहा गया है कि “महाकाल वन” ही पौराणिक है, “महाकाल लोक” नाम बदलकर स्कंद पुराण का अपमान मध्य प्रदेश कैबिनेट ने किया है। पुराणों से विपरीत छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाबा महाकाल के तीर्थ क्षेत्र का नाम का वर्णन और उल्लेख सनातन धर्म के प्रमुख 18 महापुराण में एक “स्कंद पुराण के अवंत्य खंड के अवंती महात्मय “मैं स्पष्ट है यह तीर्थ क्षेत्र का पौराणिक महत्व है और “महाकाल वन ” तीर्थ क्षेत्र ही है, जो 4 कोस तक के दायरे मे है। ” महाकाल वन” क्षेत्र पापों का शमन करने वाला है इस तीर्थ क्षेत्र की महिमा पुराणों में वर्णित है ।

तत्कालीन केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने महाकाल वन क्षेत्र के नाम से ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। श्री महाकाल तीर्थ के विकास के कार्य उस दौर में शुरू हो चुके थे ,उद्देश्य भी पौराणिक महत्व का क्षेत्र विकसित करना था किंतु धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए महाकाल तीर्थ क्षेत्र के विकास के कार्यों (कॉरिडोर) का अनावरण कराने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 11 अक्टूबर को बुलाया जा रहा है और पौराणिक महत्व के महाकाल वन क्षेत्र का नाम बदलकर ‘महाकाल लोक ‘किया जा रहा है ।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व समस्त मप्र कैबिनेट के द्वारा सनातन धर्म के पौराणिक महत्व के वज़ूद मिटाने का कांग्रेस विरोध करती है क्योंकि यह समूचे विश्व में मौजूद असंख्य महाकाल भक्तों की आस्था पर गहरा आघात है। महापुराणों और उनके रचयिता ऋषि मुनियों के ज्ञान वर्णन का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। काँग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा है कि, मप्र कैबिनेट के निर्णय की गलती सुधारने के लिए प्रधान मंत्री को ” स्कंद पुराण ” भेजा जाएगा अन्यथा आगामी वर्ष में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर महाकाल लोक का नाम बदलकर पौराणिक महत्व के “महाकाल वन “ही रखा जाएगा।

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