70 साल बाद भारत की धरती पर उतरे चीते, पीएम मोदी ग्वालियर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे
ग्वालियर,17सितंबर(इ खबर टुडे)। नामीबिया से चीतों का सफर भारत के लिए शुरू हो चुका है। शनिवार सुबह करीब 8 बजे चीते देश की धरती पर लैंड हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह करीब 11 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही देशवासियों को अफ्रीकी चीतों का दीदार करने का अवसर मिलेगा। ग्वालियर के महाराजपुरा एयरवेज पर उतरने के बाद इन चीतों को बाड़े की ओर ले जाया गया। यहां विमान से चीतों को हेलीकॉप्टर में 30 मिनट में शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद ये चीते कूनो अभयारण्य के लिए उड़ान भरेंगे। आधे घंटे में चीते कूनो पहुंच जाएंगे। यहां प्रधानमंत्री करीब 11 बजे 3 चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे। इनमें दो नर और एक मादा चीता है। नर दोनों चीतें सगे भाई हैं। इन चीतों को यात्रा के दौरान खाली पेट रखा जाएगा।
यह है प्रधानमंत्री का मिनट टू मिनट कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्वालियर एयरवेज पर 9:40 पर पहुंचेंगे और 9:45 पर पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो अभयारण्य के लिए रवाना होंगे। इसको लेकर महाराष्ट्र एयरवेज पर हाई सिक्योरिट का इंतजाम किया गया है। एसपीजी सहित तमाम पुलिस फोर्स मौजूद रहेगा। प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर कूनो में चीतों को छोड़ेंगे।
9:40 पर सुबह विशेष विमान से ग्वालियर आगमन होगा।
9:45 बजे हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क के लिए रवाना होंगे।
10:45 से 11:15 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।
11:30 बजे हेलीकॉप्टर से करहाल रवाना होंगे।
11:50 बजे करहाल पहुंचेंगे।
12:00 से 1:00 बजे तक महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।
1:15 बजे तक करहाल से हेलीकॉप्टर से ग्वालियर रवाना होंगे।
2:15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
2:20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना होंगे।
पीएम तीन चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे
वन विभाग के अधिकारी जेएस चौहान ने बताया कि ग्वालियर से हेलीकॉप्टर से लाने के बाद चीतों को छोटे-छोटे क्वारंटीन इनक्लोजर में लेकर जाया जाएगा। प्रधानमंत्री तीन चीतों को छोड़ेंगे। इसके बाद बाकी के चीतों को बाड़े में छोड़ा जाएगा। एक महीने क्वारंटीन के बाद बड़े बाढ़े में छोड़ा जाएगा। यहां दो से तीन महीने रखने के बाद उनको जंगल में छोड़ दिया जाएगा। पालपुर में एक छोटा वेटनरी अस्पताल होगा। जहां तीन वेटनरी डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मौजूद रहेंगे। चौहान ने बताया कि चीतों के साथ साउथ अफ्रीका के भी विशेषज्ञ आ रहे हैं। उनकी मार्गदर्शन में चीतों की देखरेख की जाएगी।
24 घंटे की जाएगी चीतों की निगरानी
चौहान ने बताया कि बाड़े आसपास मचान बनाए गए हैं। यहां पर रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी। जो 24 घंटे चीतों की मॉनीटरिंग करेंगे। इसमें फारेस्ट गार्डन, रेंज अफसर, वेटनरी डॉक्टर की अलग-अलग ड्यूटी है। वेटनरी डॉक्टर उसकी हेल्थ को देखेगा। चीतों नॉर्मल खाना-खा रहा है या नहीं। उनकी डेली रूटिन को बीट गार्ड देखते रहेंगे। चौहान ने बताया कि शिकारियों से बचाने के लिए 8-10 वर्ग किमी पर एक पेट्रोलिंग कैम्प है। जिसमें गार्ड और उनके सहायक रहते हैं। इसके अलावा एक्स आर्मी के जवानों को भी लिया हुआ है। ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।