अब तक शुरु नहीं हो पाई आलोट की सैकडों बच्चियों की पढाई, चुनाव के तीन माह बाद भी काम पर नहीं लौटे शिक्षक
रतलाम,14 सितम्बर (इ खबरटुडे)। देश प्रदेश की सरकारों और अफसरों के लिए शिक्षा अंतिम प्राथमिकता पर है। इसी के चलते मतदाता सूचियों के निर्माण से लेकर चुनाव तक में शिक्षकों को लगा दिया जाता है। शिक्षा के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये की पराकाष्ठा जिले के आलोट में सामने आ रही है,जहां सरकारी स्कूलों की सैैंकडों बच्चियों की अब तक पढाई ही शुरु नहीं हो पाई है। इसका कारण यह है कि जिन शिक्षकों के उपर बच्चों को पढाने की जिम्मेदारी है,वे चुनाव ड्यूटी में गए थे और चुनाव के तीन महीने गुजर जाने के बाद भी उन्हे ड्यूटी से मुक्त नहीं किया गया है।
आलोट से मिल रही खबरों के मुताबिक पंचायत चुनाव के लिए पांच छ: शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी और उन्हे शैक्षणिक कार्य से हटा कर निर्वाचन के काम में लगाया गया था। पंचायत चुनाव को निपटे करीब तीन माह होने को आए है,चुनाव के बाद तमाम पंच सरपंच इत्यादि अपना अपना कार्यभार तक संभाल चुके है। लेकिन निर्वाचन कार्य में लगाए गए शिक्षकों को अभी तक मुक्त नहीं किया गया है।
इसका दुष्परिणाम यह हुआ है कि आलोट की शासकीय कन्या उमावि में अध्ययनरत साढे आठ सौ स्कूली बच्चियों की कक्षाओं में विज्ञान गणित जैसे महत्वपूर्ण विषयों की पढाई ही शुरु नहीं हो पाई है। नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए करीब तीन माह गुजर चुके है,लेकिन इन बच्चियों का कोर्स भी शुरु नहीं हो पाया है।
मप्र. शिक्षक संघ ने कन्या उमावि के शिक्षकों को तुरंत चुनावी ड्यूटी से कार्यमुक्त कर शैक्षणिक कार्य में लगाने की मांग को लेकर आलोय के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखा है। शिक्षक संघ ने अपने पत्र में कहा है कि सितम्बर में इन छात्राओं की त्रैमासिक परीक्षाएं होना है,लेकिन पढाई शुरु नहीं होने से इन छात्राओं का भविष्य अंंधकार मय होने का खतरा खडा हो गया है। शिक्षक संघ ने कलेक्टर,संभागायुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी इत्यादि को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इन शिक्षकों को शीघ्र ही चुनाव ड्यूटी से कार्यमुक्त ना किया गया तो शिक्षक संघ को आन्दोलन करने पर बाध्य होना पडेगा। जिसकी समस्त जबावदारी प्रशासन की होगी।