Ratlam news : पेंशन प्रकरणों को लंबित रखने पर कलेक्टर हुए सख्त नाराज, 21 अधिकारियों को मिलेंगे शोकाज नोटिस
रतलाम,25अगस्त(इ खबर टुडे)। जिले के लगभग 15 विभागों के 21 अधिकारियों को शोकॉज नोटिस मिलेंगे। उक्त विभागों के 74 अधिकारियों, कर्मचारियों के लंबित पेंशन प्रकरणों को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा गंभीरता से लेते हुए बैठक में सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने न केवल शोकॉज नोटिस बल्कि अधिकारियों के वेतन रोकने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खंड शिक्षा अधिकारी आलोट, पिपलोदा तथा रतलाम, सैलाना, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, उपसंचालक उद्यानिकी, उपसंचालक कृषि, तहसीलदार बाजना, आलोट, जेल सुपरीटेंडेंट सम्मिलित है।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा गुरुवार को कलेक्ट्रेट कक्ष में आबकारी, परिवहन, खनिज, ट्रेजरी, पेंशन, जीएसटी इत्यादि विभागों की समीक्षा की गई। पेंशन प्रकरणों की समीक्षा में अधिकारी श्री मोहनलाल लखनवी ने बताया कि उनके द्वारा लंबित पेंशन प्रकरणों के संबंध में कार्यालय प्रमुखों को पत्र लिखा गया है परंतु उनके द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया है। इस बात पर सख्त नाराजगी कलेक्टर ने व्यक्त करते हुए कहा कि जो व्यक्ति शासकीय सेवा से निवृत्त हो गए हैं उनको पेंशन तथा अन्य क्लेम की पूर्ति करने में देर नहीं होना चाहिए। अगर वह भटकते हैं तो इसका मतलब है कि संबंधित कार्यालय प्रमुख मानवीय रूप से संवेदनशील नहीं है। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही आवश्यक है। अतः संबंधित अधिकारियों को शोकॉज नोटिस एवं उनके वेतन रोकने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए।
बैठक में अन्य विभागों के राजस्व लक्ष्य की भी समीक्षा कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा की गई। खनिज विभाग ने बताया कि इस वर्ष खनिज विभाग को 47 करोड़ रुपये का वार्षिक लक्ष्य प्रदान किया गया है। जिला परिवहन अधिकारी द्वारा बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में जिले को 73 करोड़ रुपये राजस्व लक्ष्य प्राप्त हुआ है। परिवहन, खनिज विभागों द्वारा बताया गया कि जिले में एक्सप्रेस वे के निर्माण के कारण उनके राजस्व लक्ष्य में शासन द्वारा बढ़ोतरी की गई है। जीएसटी वसूली की समीक्षा में कलेक्टर ने कमर्शियल टैक्स ऑफीसर सुश्री अलका डामोर को निर्देशित किया कि जिले में कई प्राइवेट फर्मों द्वारा जीएसटी में पंजीयन नहीं करवाया गया होगा, अतः उनकी सर्च की जाकर पंजीयन करवाया जाए ताकि शासन को राजस्व हानि नहीं हो।