Nursing Colleges : मध्य प्रदेश के 93 नर्सिंग कालेजों की मान्यता निलंबित
भोपाल24अगस्त(इ खबर टुडे)। प्रदेश के 93 नर्सिंग कालेजों की मान्यता मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने निलंबित कर दी है। इन कालेजोें को मान्यता नवीनीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इसमें छात्रावास, लैब के फोटो, शैक्षणिक भवन, संबद्ध अस्पताल के सभी दस्तावेज और फोटो उपलब्ध कराना था।
काउंसिल ने उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर जनहित याचिका में नौ मई को पारित आदेश के परिपे्रक्ष्य में यह दस्तावेज मांगे थे। 21 अगस्त को हाई कोर्ट में फिर इस मामले की सुनवाई थी। इसमें कोर्ट ने कहा था कि जिन कालेजों ने दस्तावेज नहीं दिए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजू ने इन कालेजों की मान्यता 22 अगस्त को निलंबित कर दी थी। अब दस्तावेज देने पर इनकी मान्यता बहाल हो सकती है।
23 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। शासन ने बुधवार को रजिस्ट्रार सुनीता सिजू को निलंबित कर दिया। उनकी जगह जबलपुर मेडिकल कालेज के फैकल्टी डा. योगेंद्र शर्मा को प्रशासक बनाया गया है। इस संबंध में कालेज संचालकों का कहना है कि उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कोई ईमेल ही नहीं मिला।
हाई कोर्ट ने तलब की मान्यता व संबद्धता की मूल फाइलें
हाई कोर्ट ने कालेजों के संबद्धता व मान्यता की मूल फाइलें तलब की हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय व मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल को बंद लिफाफे में पूरी जानकारी कोर्ट में पेश करनी होगी। एक सितंबर को याचिका फिर सुनवाई होगी। सत्र 2019-20 में नर्सिंग कालेजों में एमएसी व पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग में छात्रों ने प्रवेश लिए। जिन विद्यार्थियों ने समय पर प्रवेश लिया, उनके दस्तावेज कालेजों ने मेडिकल विश्वविद्यालय को भेज दिए। जब इस सत्र की परीक्षा का समय आया तो कोविड-19 का संक्रमण आ गया।
इसके चलते जनरल प्रमोशन के आधार पर छात्रों को पास किया गया। इसी बीच चिकित्सा विश्वविद्यालय ने ऐसे विद्यार्थियों के लिए लिंक खोली की कि जो एनरोल हो चुके हैं। वह अपने दस्तावेजों की पूर्ति कर सकते हैं। लिंक खुलने पर कालेजों ने नए विद्यार्थी जोड़ दिए। जो सीटें खाली थी, उन्हें भर लिया। यह मामला विश्वविद्यालय के संज्ञान में आया, जो विद्यार्थी नए जोड़ गए थे, उनकी जांच की तो कई गड़बड़ी मिलीं।
फीस जमा करने व प्रवेश की तारीखें मेल नहीं खा रहे थीं। इस पर जो अतिरिक्त विद्यार्थी बढ़े उनके विश्वविद्यालय ने नामांकन नहीं किए। चरक इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कालेज सहित अंचल के 25 नर्सिंग कालेजों ने अतिरिक्त विद्यार्थियों के नामांकन के लिए 2021 में याचिका दायर की। सुनवाई में कालेजों का तर्क था कि विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है, उन्हें देर से मान्यता दी गई, जिसकी वजह से प्रवेश भी देर से हुए।