October 11, 2024

Bihar Politics: बिहार में फिर महागठबंधन सरकार, तय हुआ फॉर्मूला, सबसे ज्यादा फायदा लालू की पार्टी को

पटना, 09अगस्त (इ खबर टुडे)। बिहार की राजनीति में फिर बड़ा मोड़ आया है। नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारते हुए भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। अब उनकी पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाने जा रही है। नीतीश कुमार के आवास पर बुलाई गई जदयू की बड़ी बैठक में यह फैसला हुआ। जदयू की आज हुई बैठक में पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों ने सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया और कहा कि वे उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि वह जो भी फैसला करेंगे वे हमेशा उनके साथ रहेंगे।

शाम तक नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलेंगे और अपना इस्तीफा सौपेंगे। उनके इस्तीफा देने के साथ ही मौजूदा सरकार भंग हो जाएगी और फिर नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं खबर यह है कि इंटरनेट मीडिया पर ऐसी चर्चा है कि जदयू कुछ टेप भी जारी कर सकती है, जिनमें कुछ ऐसी सामग्री बताई जा रही है कि राज्य में नीतीश कुमार को उनके पद से हटाकर उनका तख्तापलट करने की साजिश थी।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की नई सरकार में पांच विधायकों पर एक मंत्री का फार्मूला तय किया गया है। इस हिसाब से जदयू कोटे से मुख्यमंत्री पद के अलावा आठ मंत्री का शामिल हो सकते हैं। सबसे बड़ी भागीदारी राजद की होगी। उसके करीब 15 मंत्री बनाए जा सकते हैं। भाजपा कोटे के अधिकतर विभाग राजद के खाते में जा सकते हैं। हालांकि स्पीकर को लेकर अभी स्पष्ट नहीं है। इस पर जदयू और राजद दोनों की दावेदारी है। राजद की ओर से अवध बिहारी चौधरी दावेदार हैं, किंतु नीतीश कुमार की पसंद विजय कुमार चौधरी हैं। वह पहले भी महागठबंधन की सरकार में स्पीकर रह चुके हैं। नई सरकार में राजद की ओर से सभी वर्गों का ध्यान रखे जाने का फार्मूला तय है। सवर्णों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। कांग्रेस कोटे से मदन मोहन झा, अजित शर्मा एवं शकील अहमद खान का नाम चल रहा है।

राजद की ओर से जिन नामों की चर्चा चल रही है, उसमें आलोक मेहता सबसे ऊपर हैं। वैश्य कोटे से रणविजय साहू को प्राथमिकता दी जा सकती है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर की लाटरी भी लग सकती है। हालांकि राजपूत कोटे सुधाकर मंत्री बनेंगे। हालांकि राबड़ी के करीबी होने के कारण सुनील सिंह भी प्रबल दावेदार हैं। भाकपा माले से महबूब आलम का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। माले के खाते में दो मंत्री पद आएंगे। भाकपा और माकपा को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

जदयू सांसद का आरोप, पार्टी तोड़ने में लगी थी भाजपा
नालंदा से जदयू सांसद कौशलेंद्र सिंह ने पार्टी की बैठक में जाने से पहले बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही थी। यही कारण है कि अब पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ने का फैसला किया है।

सोनिया गांधी की नजर बिहार पर
बिहार की बदलती परिस्थितियों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी नजर है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा है कि सोनिया स्वयं बिहार पर नजर बनाई हुई हैं। उन्हें बिहार के बारे पल-पल की जानकारी दी जा रही है। हम सब एकजुट हैं। विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व में हमसब मिलकर फैसला लेंगे। महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है।

जेडीयू की बैठक में सुनयाा जाएगा एक टैप
जेडीयू की बैठक में क्या होगा, इस पर देश की नजर है। बैठक में तय होगा कि नीतीश कुमार आगे भाजपा के साथ सरकार बनाकर चलेंगे या नहीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू की बैठक में एक टैप सुनाया जाएगा और विधायकों को बताया जाएगा कि किस तरह भाजपा उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इस तरह नीतीश कुमार भाजपा से अलग होने के अपने फैसले को सही साबित करने की कोशिश करेंगे।

राबड़ी के घर पर महागठबंधन की बैठक
इस बीच, लालू यादव की पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों को लगने लगा कि उनकी सत्ता में वापसी हो सकती है राबड़ी आवास पर राजद विधायकों की प्रस्तावित बैठक में महागठबंधन के अन्य दलों के विधायक भी पहुंच रहे हैं। कांग्रेस भी हिस्सा लेगी। माले के दो विधायक पहुंचे हैं। भाकपा के विधायक भी बैठक में शामिल होंगे। यहां विधायकों के फोन बाहर ही रखवा लिए गए।

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