angry mother रूठी मां घर छोड़कर वापी गुजरात से निकलकर रतलाम पहुंची “मां को भी प्यार चाहिए”- गोविंद काकानी
रतलाम,5 जुलाई (इ खबर टुडे)। घर में प्यार नहीं मिलने से रूठी मां घर छोड़कर वापी गुजरात से निकलकर रतलाम पहुंची| भूखी प्यासी मां को घबराहट बेचैनी की हालत में जीआरपी पुलिस द्वारा जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया|
“मुझे कोई प्यार नहीं करता” नाश्ते के दौरान महिला उम्र 45 वर्ष ने अपनी दर्द भरी कहानी समाजसेवी रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी से साझा की| समाजसेवी गोविंद काकानी से अपनत्व पाने के बाद महिला ने बताया कि उसका नाम शर्मिष्ठा पति जितेंद्र सिंह जाति ब्राह्मण निवासी वापी गुजरात है | 2 जुलाई को घर पर परिवार जन से नाराज होकर मैंने घर छोड़ दिया| मैं घर नहीं जाना चाहती हूं| घरवाले मुझसे प्यार नहीं करते ,थोड़ी समझाइश के बाद घरवालों के मोबाइल पर रतलाम जिला चिकित्सालय मैं भर्ती होना उन्हें बता दिया | शर्मिष्ठा को लेने के लिए तत्काल पति एवं छोटी बेटी 4 जुलाई दोपहर 2:00 बजे रतलाम पहुंच गए |
नाराज मां घरवालों से बात करने को तैयार नहीं
जब पति और छोटी बेटी को मां के सामने दिखाया परंतु उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी| इस पर मामला गंभीर लगा |
मां को गले लगाओ
छोटी बेटी निजू से मां को प्यार भरी झप्पी देने के लिए कान में कहा और देखते ही देखते मां और बेटी के आंसू निकल पड़े कमरे में रोने का वातावरण से सबकी आंखें भी नम हो गई|
घर से निकलने के बाद शर्मिष्ठा ने अब तक सुबह केवल चाय और बिस्किट ही लिए थे |आइसोलेशन वार्ड में मरीज के लिए आया हुआ भोजन ऐसे ही रखा हुआ था| बिटिया ने मां को बताया कि घर पर किसी ने भी आपके जाने के बाद भोजन नहीं किया है |तब वीडियो कॉलिंग कर बेटे रितिक और बड़ी बेटी निक्की से मां से माफी मंगवा कर भोजन करवाया|
न्यूरो सर्जरी हो चुकी है
पति जितेंद्र सिंह ने बताया कि शर्मिष्ठा का 2012 में न्यूरो सर्जन द्वारा वलसाड में ऑपरेशन किया गया | हम लोग मूलतः पटना के रहने वाले हैं परंतु 15 वर्षों से वापी गुजरात आकर रह रहे हैं| हमारी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है| मैं दिन भर रिक्शा चलाता हूं | पत्नी शर्मिष्ठा महिलाओं के कपड़े सिल कर घर चलाने में भरपूर मदद करती है | परिवार में बड़ा बेटा बीएससी कर रहा है| बेटी निक्की व निजू दोनों पढ़ाई करते हुए कॉस्मेटिक दुकान चलाकर मदद कर रही है |
मां बेटे रितिक से पार्ट टाइम नौकरी का कह रही थी परंतु ऋतिक मिलिट्री में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है अतः नौकरी करने का मना कर रहा |इसी बात को लेकर मां बेटे में नोकझोंक हो गई और बातों बातों में शर्मिष्ठा घर छोड़कर ट्रेन में रवाना हो गई|
मनोरोगी का सर्वोत्तम इलाज प्यार है
रोगी कल्याण समिति सदस्य समाजसेवी काकानी ने परिवार वालों से शर्मिष्ठा के साथ अपने व्यवहार को और प्यार भरा बनाने के लिए कहते हुए उन्हें शर्मिष्ठा को ठीक रहने के लिए अनेक उपायों से अवगत कराया |जिससे वह सामान्य स्वस्थ रह पाएगी| यह बात आइसोलेशन वार्ड में काकानी के साथ सिस्टर ,वार्ड बॉय और शर्मिष्ठा के बीच 2 दिन में नजर आ गया| शर्मिष्ठा को मनोरोग चिकित्सक से दिखाकर 10 दिन की दवाई दी एवं रेलवे स्टेशन पर ब्राह्मण परिवार को श्रीमती सुनीता गोविंद काकानी ने रतलामी सेव एवं शाल देकर विदा किया|
आज सुबह घर पहुंचने पर पति जितेंद्र सिंह ने जीआरपी, अस्पताल प्रशासन, आइसोलेशन वार्ड के सभी सिस्टर, वार्ड बॉय गोलू भैया एवं गोविंद काकानी परिवार का ह्रदय से आभार माना |