October 11, 2024

Crime news : दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी में एक आरोपी और बढ़ा,पांच आरोपी जेल गए – तस्करों से जलगांव महाराष्ट्र तक के संपर्क खुले, वन विभाग की एसटीएफ को मामले से दूर रखने की चर्चा

उज्जैन,14जून (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। इंगोरिया पुलिस ने ग्राम गुणावदा में दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को वन विभाग के सिपुर्द किया गया था। न्यायालय में पेश कर वन विभाग ने इनका रिमांड लिया था। पूछताछ में एक दलाल का नाम सामने आने पर उसे भी पकड़ा गया है। रिमांड अवधि पूरी होने पर आरोपियों को न्यायालय में पेश करने पर उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

आरोपितों ने बताया कि वह एक कुएं से कछुआ पकड़कर लाए थे। पुलिस ने वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर आरोपितों को सौंप दिया। आरोपितों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

शुक्रवार रात को ग्राम गुणावदा के लोगों की सूचना पर इंगोरिया थाना पुलिस ने मोहनलाल उम्र 53 वर्ष निवासी पाटन झालावाड़ राजस्थान, गणेश उम्र 45 वर्ष निवासी मोहनपुरा पेटलावद झाबुआ, शंकर उम्र 55 वर्ष निवासी छोटी बोलासा पेटलावद, विजय उम्र 22 वर्ष निवासी नयागान झाबुआ को हिरासत में लिया था। इनके पास से छोले में दुर्लभ प्रजाति का काफी बड़ा कछुआ पुलिस को मिला था,जिसे आरोपी किसी को 10 हजार रुपये में बेचने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने मामला वन विभाग का होने से आरोपियों को विभाग के सिपुर्द किया था। वन विभाग ने आरोपियों के विरूद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा था।

न्यायालय ने आरोपियों को तीन दिन का रिमांड स्वीकृत कर उन्हें विभाग के सिपुर्द किया गया था। रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ में उनके मोबाईल में कई दो मुहा सांप के बेचने वालों के जलगांव महाराष्ट्र तक के संपर्क सामने आए हैं। इसके साथ ही वन्य जीवों को बिकवाने की दलाली करने वाले सोहनलाल निवासी ग्राम मउडीपाडा,थाना बाजना जिला रतलाम का नाम सामने आने पर उसे भी वन विभाग की टीम ने गिरफतार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया था,जहां से उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।

पकडे गए 04 मूल आरोपियों को न्यायालय के आदेश अनुसार मंगलवार को रिमांड पूर्ण होने पर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश का वन विभाग ने पालन किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आरोपियों के तीन मोबाईल वन विभाग ने जब्त कर जांच में लिए हैं,जब्त मोबाईल वन्य जीवों की तस्करी का काफी राज उगलने की उम्मीद जताई जा रही है।वन विभाग के सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने कुछ खरीददार एवं बेचने वालों की जानकारी रिमांड अवधि में दी है जिस पर विभाग अपनी जानकारी को जुटाने में लगा है।

वन विभाग की एसटीएफ को दूर रखा-
इस पूरे प्रकरण में खास बात यह सामने आ रही है कि बरामद कछुआ दुर्लभ प्रजाति का होकर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की श्रेणी एक का द्वितीय स्तर का प्राणी है जिसकी तस्करी करते 4 आरोपी पुलिस ने पकड़ कर वन विभाग के सिपुर्द किए थे। आरोपियों के संपर्क वन्य जीव तस्करों से होना तय था। इसके बावजूद जिला स्तर से वन विभाग की भोपाल स्थित एसटीएफ को इसकी सूचना से अवगत नहीं करवाया गया ।आखिरकार ऐसा क्यों किया गया इसका जवाब सूत्र नहीं दे पा रहे हैं।

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