October 11, 2024

Violence in Kanpur : राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कानपुर में हिंसा, जुमे के नमाज के बाद दो समुदायों में पत्थरबाजी, 18 हिरासत में

कानपुर,03जून (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बीच भाजपा की महिला नेता नुपूर के बयान पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में बवाल हो गया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ा।भाजपा नेत्री नूपुर के मोहम्मद साहब के संदर्भ में दिए गए एक बयान पर शुक्रवार को मुस्लिम अधिसंख्य आबादी वाले क्षेत्रों में कारोबार पूरी तरह बंद रहा।

पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई। इसके बाद यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। भीड़ जुटने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके हालात तनाव पूर्ण हो गए। जानकारी के अनुसार 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

भाजपा की नेता नूपुर शर्मा के मोहम्मद साहब पर दिए गए एक बयान को लेकर कानपुर में जुमे की नमाज के बाद बवाल हो गया। पथराव के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई राउंड हवाई फायरिंग की। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है, लेकिन तंग गलियों से रह-रहकर पत्थरबाजी अभी भी हो रही है। पुलिस जिधर जाती है उधर थम जाता है पथराव लेकिन हटते ही फिर से पत्थरबाजी शुरू हो जा रही है। खास बात यह है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर देहात के दौरे पर हैं।

मुस्लिम अधिसंख्य आबादी वाले क्षेत्रों में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में आज बाजार बंद रखने का आह्वान किया गया था। इस बीच पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई। इसके बाद यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास बााजर बंद कराने को लेकर दोनों पक्ष आमने- सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू होई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। लोग तंग गलियों में घुसकर पत्थरबाजी करने लगे।

जोहर फैंस एसोसिएशन व अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसका व्यापक असर देखने को मिला था। सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी।

जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस ने किसी भी क्षेत्र में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन लोग सड़कों पर निकल आए। इसके बाद ही बवाल शुरू हो गया।

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