Child theft : नहीं मिला बच्ची का सुराग, एसडीएम पहुंचे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने, युकां ने जलाया सीएमएचओ का पुतला, हटाने की मांग
देवास,23अप्रैल(इ खबर टुडे)। जिला अस्पताल से चोरी हुई नवजात बच्ची के चोरी होने के मामले में अब तक सुराग नहीं मिल सका है। अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन ने औपचारिकता तो कर दी लेकिन अब बातें ये हो रही हैं कि कई बार ऐसी औपचारिकताएं की गईं मगर जिला अस्पताल का ढर्रा नहीं सुधर सका। इधर अस्पताल से बच्ची चोरी होने के मामले में कांग्रेस ने भी मुद्दा बना लिया है। शासन-प्रशासन को कांग्रेस नेता घेर रहे हैं।
शाजापुर की रहने वाली टीना वर्मा ने अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था। टीना का कहना है कि गुरुवार रात बच्ची रिश्तेदार के पास सोई हुई थी। रात 3.30 बजे जब मेरी नींद खुली और मैंने बच्ची को खोजा, तो बिस्तर पर सिर्फ कंबल था, लेकिन बच्ची वहां नहीं थी। इस पर देवरानी सोनू को जगाया। हमने उसे बहुत तलाशा, लेकिन वो नहीं मिली। जब पता चतला कि बच्ची चोरी हुई है तो परिजनों ने जमकर हंगामा किया।
घटना के विरोध में मरीज के रिश्तेदार और पूर्व पार्षद रूपेश वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर आत्मदाह की कोशिश की। समाजजन कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने आश्वस्त किया कि बच्ची को जल्द ढूंढ निकालेंगे। कलेक्टर ने सीएमएचओ व सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस दिया जबकि एक डॉक्टर और एक नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित किया।
सूचना पर एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह भी पहुंचे। एसपी ने दिनभर अपडेट लिए और शुक्रवार रात को फिर से जिला अस्पताल पहुंचकर रिकॉर्ड चेक किए। हालांकि अब तक कोई ठोस सुराग पुलिस को नहीं मिल सका है।
एसडीएम पहुंचे जिला अस्पताल, दिए निर्देश
इस मामले में कलेक्टर ने एसडीएम प्रदीप सोनी को जिला अस्पताल का प्रशासक नियुक्त किया। प्रशासक बनने के बाद एसडीएम शनिवार सुबह जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने वहां की व्यवस्थाएं देखी। इस दौरान मेटरनिटी वार्ड में डॉ. सपना राज अनुपस्थित मिली, जिस पर उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया।
डॉक्टरों के लिए फेस रीडिंग मशीन लगाने के निर्देश दिए। दवाई वितरण केंद्र मे कंप्यूटर ऑपरेटर रखने के निर्देश दिए। सोनोग्राफी आउटसोर्स डॉक्टर से करवाने के निर्देश दिए। ओपीडी क्षेत्र में बंद पड़ी एलईडी चालू करवाने के लिए ठेकेदार को निर्देश दिए। मेटरनिटी वार्ड में कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि लंच टाइम में सभी चिकित्सक अपना लंच बॉक्स साथ लाएं और अस्पताल में ही लंच करें। समय पर ओपीडी देखें।
हालांकि इन निर्देशों का कितना पालन होगा इसे लेकर अभी से बातें होने लगी है क्योंकि इसके पहले भी इस तरह के निर्देश कई बार दिए जा चुके हैं। खासकर जिन एसडीएम को प्रशासक नियुक्त किया गया है उनकी कार्यशैली पर भी कई बार सवाल उठे हैं, ऐसे में कहा यही जा रहा है कि खुद की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए अब प्रशासन खानापूर्ति करने में जुटा है।