November 22, 2024

माल्याताल/गांव के विकास में अतिक्रमण रोड़ा,पटवारी और पंचायत प्रतिनिधि भी डर या अन्य कारणों से अतिक्रमण हटाने गंभीर नहीं,सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बावजूद जिम्मेदार बैठे अप्रिय घटना के इंतजार में

रतलाम 25 मार्च(इ खबरटुडे)। शासकीय जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित हो गया है। अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खाली मैदान से लेकर तालाब, स्कूल परिसर, श्मशान घाट, गौचर जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं। दिन-ब-दिन बढ़ रहे अतिक्रमण के चलते लोगों को मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। गांव की तस्वीर व तकदीर बदलने पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों को गति प्रदान करने का प्रयास किया जाता है लेकिन शासकीय जमीन पर अतिक्रमण होने से विभिन्न विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। अतिक्रमण का आलम यह है की गांव में सरकारी शौचालय के निर्माण हेतु भी भूमि उपलब्ध नहीं है।वही अतिक्रमण की बात को लेकर गांव में आये दिन विवाद सामने आ रहे है।

ताल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम माल्या ताल में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से उनके हौसले बुलंद हो गए हैं। गांवों के अन्य लोग भी इन अतिक्रमणकारियों के गलत कार्यों का अनुकरण करने लगे हैं। अतिक्रमण गांव के लिए विकराल समस्या बन गई है। शासन-प्रशासन के उदासीन रवैए के चलते हर गांव में लगभग 50-60 प्रतिशत लोग अतिक्रमण कर शासकीय जमीन को हड़प चुके हैं। ऐसे लोगों को गांव के विकास से कोई सरोकार नहीं है।

अतिक्रमण को रोकने गांव स्तर पर किए जा रहे प्रयास भी महज इसलिए सफल नहीं हो पा रहे हैं क्योंंकि अतिक्रमणकारियों की तादात गांव में ज्यादा हैं। जिस कारण अतिक्रमण के मामले में चुप्पी साध लेते हैं। जिले के अधिकांश गांव में अतिक्रमणकारियों की फौज है। एक की देखादेखी दूसरे, तीसरे के कारण गांव में न तो चारागाह बच पाया है न ही खेल मैदान बचा है।

वही अतिक्रमण के चलते ग्रामीणों में आये दिन भूमि को लेकर विवाद सामने आ रहे है। यदि प्रशासन द्वारा सही समय पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो किसी भी दिन भूमि के विवाद पर कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। अतिक्रमण के मामलों को लेकर कई लोगों द्वारा सीएम हेल्पलाइन और प्रशासन को भी शिकायत की जा चुकी है। बावजूद जिम्मेदार किसी बड़े हिंसक विवाद को इंतजार कर रहे है। वही इस विषय में मीडिया द्वारा फोन पर चर्चा करने पर तहसीलदार द्वारा भी कोई संतोष पूर्ण जवाब नहीं दिया जाता है।

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