Raag Ratlami Bulldozer : कुछ ही वक्त के लिए थमा है सरकारी बुलडोजर,जल्दी ही फिर हटाएगा सरकारी जमीनों के अवैध कब्जे
-तुषार कोठारी
रतलाम। पिछले महीने के आखरी पखवाडे से चलना शुरु हुआ सरकारी बुलडोजर अभी कुछ दिनों से थम सा गया है। इस सरकारी बुलडोजर ने कई सारे अवैध मकान ढहाए। कई सारे अवैध कब्जे खाली कराए गए। करोडों अरबों की सरकारी सम्पत्तियों को मुक्त कराया। लेकिन फिलहाल बुलडोजर थमा हुआ है। लोग जानना चाह रहे है कि बुलडोजर कुछ ही देर के लिए थमा है या फिर पूरी तरह रुक ही गया है।
वैसे तो जिला इंतजामिया के बडे साहब की अगुवाई में पिछले ही हफ्ते एक जैन मन्दिर की करोडों की जमीन को जालीदार गोलटोपी वाले शांतिदूत के अवैध कब्जे से खाली कराया गया था। बडे साहब की इन बडी कार्रवाईयों से शहर के लोग वाह वाह करने लगे थे। लोगों को लगने लगा था कि दादागिरी से कब्जाई गई जमीनों को छुडाने के लिए अब ज्यादा मेहनत नहीं करना पडेगी। जिला इंतजामिया खुद आगे आकर लोगों को राहत दिलवाने लगा है।
लेकिन फिलहाल कुछ दिनों से बुलडोजर रुका हुआ है। माना ये जा रहा है वर्दी वालों के पुराने कप्तान के जाने और नए कप्तान के आने के कारण ये कार्रवाई थमी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही ये कार्रवाई फिर से शुरु हो जाएगी। अभी भी शहर में ऐसे ढेरों मामले है जिनमें सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके इमारतें तान दी गई है। कई सारे मन्दिरों की जमीनों पर अवैध कब्जे है। जिला इंतजामिया ने ऐसे तमाम मामलों की लिस्ट भी बना रखी है।
गुण्डो और माफियाओं के खिलाफ चालू की गई मुहिम में कई सारे गुण्डों को जिलाबदर किया जा चुका है। कई सारे गुण्डे अभी वेटिंग लिस्ट में है। इसी तरह माफियाओं की भी लिस्ट बनी हुई है। जिला इंतजामिया की भीतरी खबरें रखने वालों का दावा है कि सरकारी बुलडोजर फिर से चालू होने वाला है और सरकारी,गैर सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध कब्जों को फिर से हटाया जाएगा।
नए कप्तान की तेज किस्मत……
वर्दी वालों के नए कप्तान किस्मत वाले है। उनके आने के पहले शहर में फिल्मी स्टाइल की लूट हुई। लुटेरों ने करमदी मन्दिर के पास सर्राफा व्यवसाई की कनपटी पर रिवाल्वर अडा कर लाखों रुपए लूट लिए थे। नए कप्तान की किस्मत देखिए कि उनके आते ही तमाम लुटेरे वर्दी वालों की गिरफ्त में आ गए। कप्तान को आते ही खबरचियों से मिलकर वर्दीवालों की कामयाबी बताने का मौका मिल गया। अभी चार दिन पहले हुई चैन स्नैचिंग की वारदात करने वाले को भी वर्दी वालों ने वारदात के कुछ ही घण्टों में धर दबोचा। कप्तान को फिर खबरचियों की कान्फ्रेन्स करने का मौका मिल गया। इसी तरह छ: महीने पहले हुई लूट का पर्दाफाश भी अभी तीन दिन पहले ही हुआ। अगर नए कप्तान की किस्मत इसी तरह जोर मारती रही,तो ये जिले के लिए बहुत अच्छा साबित होगा,गुनाहगार बच नहीं पाएंगे और शांति व्यवस्था बरकरार रहेगी।
समरसता की बेहतरीन मिसाल….
आमतौर पर गांवों में कहीं दलित दबंग वाले विवाद नहीं है और अच्छी समरसता स्थापित है। लेकिन कुछ विघ्नसंतोषियों को ये समरसता अच्छी नहीं लगती। इसीलिए वे मध्यप्रदेश के रतलाम जैसे जिले में भी यूपी या बिहार जैसे दलित दबंग विवाद की तलाश में रहते है। कोई छोटी सी बात सामने आ जाए तो उसे इतना बढा चढा कर पेश कर दिया जाता है,जैसे यहां बरसों से दलित सवर्ण विवाद चलते रहे हो। बीते सालों में ऐसी एक दो घटनाएं बनाई भी गई थी,जिसमें एक दलित दुल्हे को हेलमेट पहन कर घोडी पर चढाया गया था। हांलाकि उस वक्त भी वह वास्तविक विवाद नहीं था। केवल प्रचार पाने के लिए विवाद खडा किया गया था। लेकिन हाल के दिनों में आलोट के बरसी गांव के लोगंों ने समरसता की बेहतरीन मिसाल कायम की। गांव के एक दलित परिवार की दो बेटियों की शादी के पहले लडकियों के पिता को यह शंका थी कि कहीं सवर्ण विवाह मे कोई विवाद ना खडा कर दें। जब गांव के सवर्ण समाज को इस बात को पता चला तो उन्होने आगे आकर दोनो बेटियों की बारातों का स्वागत करने का फैसला लिया। सामाजिक समरसता की ऐसी मिसालें कम ही देखने को मिलती है।