Atmanirbhar Arthvyawastha/आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को बजट की बड़ी बातें समझाईं
नई दिल्ली,01फरवरी(इ खबर टुडे)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम बजट 2022-23 पर आधारित था। आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को बजट की बड़ी बातें समझाईं हैं। पीएम मोदी ने कहा, कल निर्मला जी ने बहुत ही खूबसूरती से, बहुत ही अच्छे ढंग से बजट के कुछ पहलुओं को हमारे सामने रखा है।
बजट स्पीच में पूरा बजट संभव नहीं होता है क्योंकि बजट में बहुत बड़ा दस्तावेज होता है, बारीकियां होती हैं और सदन में ये सब बोलना संभव भी नहीं होता है। इस समय 100 साल में आई सबसे बड़ी वैश्विक महामारी से देश लड़ रहा है। कोरोना का ये कालखंड दुनिया के लिए अनेक चुनौतियां लेकर आया है। दुनिया उस चौराहे पर आकर खड़ी हो गई है, जहां टर्निंग प्वाइंट निश्चित है। आगे जो दुनिया जो हम देखने वाले हैं, वो वैसी नहीं होगी, जैसी कोरोना से पहले थी।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
ये समय नए अवसरों का है, नए संकल्पों की सिद्धि का समय है। बहुत जरूरी है कि भारत आत्मिनिर्भर बने और आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।
भारत को आधुनिकीकरण की राह पर ले जाने के लिए इस बजट में कई कदम हैं। पिछले 7 वर्षों में लिए गए निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को लगातार बढ़ा रहे हैं। 7-8 साल पहले भारत की जीडीपी 1.10 लाख करोड़ रुपए थी। आज हमारी जीडीपी करीब 2.3 लाख करोड़ रुपये है।
वर्ष 2013-14 में भारत का एक्सपोर्ट 2 लाख 85 हजार करोड़ रुपये होता था। आज भारत का एक्सपोर्ट 4 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का आसपास पहुंचा है। अब करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्षों में दिए गए हैं। बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
विशेष रूप से केन-बेतवा को लिंक करने के लिए जो हज़ारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, उससे यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पीने का पानी आएगा, खेतों में पानी आएगा।
जो गरीब थे झोपडपट्टी में रहते थे,अब उनके पास अपना घर है। पहले के मुकाबले इन घरों के लिए राशि भी बढ़ाई और घरों का साइज भी बढ़ाया है ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए जगह मिल जाए। बड़ी बात ये भी है कि इसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर है यानि हमने महिलाओं को घर की मालकिन भी बनाया।
भारत जैसे देश में कोई क्षेत्र पिछड़ा रहे, ये ठीक नहीं। इसलिए हमने आकांक्षी जिला- Aspirational Districts अभियान शुरू किया था। इन जिलों में गरीब की शिक्षा के लिए, स्वास्थ्य के लिए, सड़कों के लिए, बिजली-पानी के लिए जो काम हुए, उसकी प्रशंसा संयुक्त राष्ट्र ने भी की है।