Patriotic citizens/जनरल बिपिन रावत की मृत्यु से MP में दुखी आम लोगों ने रद किए अपने कार्यक्रम,ऐसा लगा जैसे कोई अपना सगा चला गया हो
इंदौर 10,दिसंबर (इ खबर टुडे)।भारत की सेना किस तरह आम देशवासियों के दिलों में धड़कती है, यह बुधवार, गुरुवार को एक बार फिर सामने आया। बुधवार को हेलीकाप्टर हादसे में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों की मृत्यु ने देशवासियों को इतना दुखी किया कि कई लोगों ने अपने उत्सव रद कर दिए।
इन उत्सवों में जन्मदिन की पार्टी, परिवार के साथ यात्रा और भोज आदि थे। इन आम देशभक्त नागरिकों का कहना था कि ‘जनरल की मृत्यु से ऐसा लगा, जैसे कोई अपना सगा चला गया हो।’
देश दुखी तो हम खुशी कैसे मनाएं
पेशे से डाक्टर मप्र के उज्जैन निवासी डा. सुशील खंडेलवाल जनरल की मौत का समाचार सुनकर इतने दुखी हुए कि अपनी विवाह वर्षगांठ के सारे मंगल कार्यक्रम रद कर दिए। वे पत्नी रेखा खंडेलवाल के साथ न मंदिर गए, न ही परिवार व रिश्तेदारों के साथ होटल में वर्षगांठ मनाने व केक काटने। इनके ये कार्यक्रम पहले से तय थे, लेकिन अचानक हुई इस दुर्घटना के बाद डा. खंडेलवाल ने सभी रिश्तेदारों को फोन लगाकर कहा कि ‘जब देश दुखी है तो हम खुशी कैसे मना सकते हैं’।
दुख की घड़ी में होटल भी शामिल
मप्र के इंदौर में रहने वाले अनिकेत कुमार का गुरुवार को जन्मदिन था। उन्होंने होटल श्री में बर्थडे पार्टी आयोजित कर स्वजन, मित्रों, रिश्तेदारों को बुलाया था। 100 लोगों के लिए बुकिंग करते हुए होटल प्रबंधन को पांच हजार रुपये एडवांस जमा कर दिए थे। किंतु जनरल व अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत से अनिकेत इतने दुखी हुए कि जन्मदिन की पार्टी रद कर दी। होटल में जमा एडवांस वापस लेने का मोह भी त्याग दिया। होटल प्रबंधन को जब पार्टी रद करने का कारण पता चला तो उन्होंने एडवांस न लौटाने संबंधी अपने नियम को शिथिल किया और बिना कोई प्रश्न किए अनिकेत कुमार का एडवांस लौटा दिया।
सेना में जाना चाहती है छात्रा, नहीं मनाया जन्मदिन
मप्र की राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र की निवासी 13 वर्षीय छात्रा विभाषी गंगराड़े का नौ दिसंबर (गुरुवार) को जन्मदिन था। सहेलियों, स्कूल के मित्रों सहित स्वजनों के साथ पार्टी थी। किंतु सैन्य अधिकारियों की मृत्यु से दुखी विभाषी ने अपना जन्मदिन नहीं मनाया। विभाषी ने गुरुवार को घर में ही भगवान की पूजा की और दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना की। विभाषी बड़ी होकर सैन्य अधिकारी बनना चाहती हैं। उनका कहना है कि सेना का सुख-दुख हर देशवासी का सुख-दुख होना चाहिए। बर्थडे तो अगले साल भी मनाया जा सकता है।
यूं बयां हुआ आम नागरिकों का दुख
इंदौर जिले के ग्राम खुड़ैल निवासी जागरूक किसान मनोज सोमतिया के घर बुधवार रात्रि में घर के बड़े लोगों ने नहीं किया भोजन। सिर्फ बच्चों के लिए खाना बना।
देवास जिले के नेमावर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश गुरुजी ने मां नर्मदा के किनारे जाकर कौओं को भोज करवाकर दी दिवंगत सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि।
इंदौर निवासी माधुरी मिश्रा ने घर के मंदिर में दिवंगत बलिदानियों के नाम का दीपक लगाकर दी श्रद्धांजलि।
देवास निवासी कवि देवकृष्ण व्यास ने अश्रुपूरित कविता लिखकर व्यक्त किया अपना दुख।
उज्जैन निवासी डा. योगेश कुल्मी ने जनरल बिपिन रावत की मृत्यु पर खुशी जाहिर करने वाले देशद्रोहियों के खिलाफ पोस्ट लिखकर उन्हें लताड़ा।
सैकड़ों लोगों ने वाट्सएप व फेसबुक पर अपने प्रोफाइल फोटो की जगह जनरल बिपिन रावत की फोटो लगाई।